सोनवर्षा में डबरी निर्माण से खेती और आजीविका को मिला सहारा

सोनवर्षा में डबरी निर्माण से खेती और आजीविका को मिला सहारा

रायपुर, ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट का समाधान और किसानों की आजीविका सुदृढ़ करने की दिशा में मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्य निरंतर प्रभाव दिखा रहे हैं। इसी क्रम में मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत सोनवर्षा के ग्राम राधारमणनगर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत डबरी निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस कार्य पर लगभग 3 लाख रुपये की लागत आई है। डबरी निर्माण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराना, जल संरक्षण को बढ़ावा देना, तथा कृषि आधारित आय के साथ मछली पालन जैसी आजीविका गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। 

पानी की समस्या से राहत-बढ़ेगा फसल उत्पादन

निर्माण से पहले किसान वर्षा पर निर्भर रहते थे और अंतिम सिंचाई के अभाव में फसल उत्पादन घट जाता था। अब डबरी बनने से खेतों के लिए स्थायी जलस्रोत उपलब्ध हो गया है। इससे किसानों को समय पर सिंचाई करने में सुविधा मिलेगी, फसल उत्पादन में वृद्धि होगी तथा सूखे की स्थिति में भी फसलें सुरक्षित रह सकेंगी। 

डबरी निर्माण से सिंचाई सुविधा के साथ ही हितग्राही ने डबरी में 1,000 मछली बीज छोड़े हैं, जिससे अब उन्हें कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होगी। डबरी निर्माण से न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिला है, बल्कि स्थानीय मजदूरों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं। 

सोनवर्षा ग्राम में निर्मित यह डबरी जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण आजीविका संवर्धन की दिशा में सतत विकास का प्रभावी मॉडल बन गई है। इससे क्षेत्र की जल संग्रहण क्षमता बढ़ी है, भूजल स्तर में सुधार की उम्मीद है और ग्रामीणों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। मनरेगा योजना के तहत इस प्रकार की परियोजनाएँ न केवल प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करती हैं, बल्कि ग्रामीण समुदाय को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार के सतत प्रयासों को सशक्त आधार प्रदान करती हैं।