मप्र में मिलेगा 7 हजार लोगों को रोजगार 

मप्र में मिलेगा 7 हजार लोगों को रोजगार 

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बालाघाट अद्भुत संभावनाओं का जिला है। यहाँ वन, खनिज, जल, कृषि सहित अनेक संपदाओं और सभी संसाधनों का भंडार है। इन संपदाओं और संसाधनों का उपयोग कर बालाघाट को “बेरोजगारी मुक्त- रोजगार युक्त” बनाया जाएगा। जिले में उद्योग लगाने के लिए निवेश प्रोत्साहन सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। भूमि आवंटन पर 50 प्रतिशत छूट के साथ 25 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जा रही है। विद्युत शुल्क, विद्युत टैरिफ में रियायत है। प्रदूषण नियंत्रण संबंधी वैधता 2 साल के स्थान पर 5 वर्ष कर दी गई है। अधोसंरचना विकास के लिए सहायता और अन्य प्रोत्साहन सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। बालाघाट में निवेश का वातावरण है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 4 हजार करोड़ रूपये निवेश कर 7 से 8 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान बालाघाट में आयोजित इंवेस्टर समिट 2021 को निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। बालाघाट में कार्यक्रम में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री  राजवर्द्धन सिंह दत्तिगांव, आयुष एवं जल संसाधन राज्य मंत्री रामकिशोर कांवरे, सांसद ढाल सिंह बिसेन, पूर्व मंत्री तथा वर्तमान में विधायक गौरीशंकर बिसेन सहित औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित थे।

मेगनीज आधारित उद्योग, राईस मिल, पर्यटन और बाँस उद्योग पर विशेष सत्र 
इस समिट में मेगनीज आधारित उद्योगों, नवीन राईस मिलों की स्थापना के संबंध में चर्चा के सत्र और बाँस उद्योग और पर्यटन विकास पर कार्यशालाएँ आयोजित की गई हैं।  प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय शुक्ल मुख्यमंत्री निवास से समिट में सम्मिलित हुए।

कच्चे माल का वैल्यू एडीशन कराना होगा 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भरता के लिए रोजगार जरूरी है। रोजगार के अवसर उद्योगों से सृजित होंगे। बालाघट में उपलब्ध कच्चे माल का वैल्यू एडीशन कराना होगा। यहाँ खनिज के साथ धान में अपार संभावनाएँ हैं। धान के लिए नई नीति लाई जा रही है, जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी हो सकेगी तथा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में भी यहाँ कई अवसर हैं।

कबेलू उद्योग को पुनर्जीवित किया जा सकता है 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खनिज आधारित उद्योग की भी संभावनाएँ हैं। बालाघाट का कबेलू भी प्रसिद्ध है। पक्की छतों में कबेलू का प्रचलन कम है, पर अब लोग ईको फ्रेंडली भवन निर्माण की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कबेलू का डिजाइन बदलकर डिजाइनर फ्लोर टाइल्स और प्री- फैब्रिकेटेड छत का निर्माण किया जा सकता है। बदलती आवश्यकता और तकनीक के आधार पर कबेलू उद्योग को भी पुनर्जीवित किया जा सकता है।

बाँस के फर्नीचर और अगरबत्ती उद्योग में हैं संभावनाएँ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बालाघाट का बाँस बहुत उपयोगी है। यहाँ वनों के साथ निजी भूमि पर भी बाँसों का उत्पादन हो रहा है। बाँस के रूप में उपलब्ध कच्चे माल से फर्नीचर और अगरबत्ती की काड़ी बनाने जैसे उद्यमों के लिए पहल की जा सकती है।

होटल, रिसोर्ट, वेलनेस सेंटर में निवेश के पर्याप्त अवसर 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बालाघाट में पर्यटन की भी अपार संभावना है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का बड़ा क्षेत्र बालाघाट जिले में ही स्थित है। अत: होटल, रिसोर्ट, वेलनेस सेंटर में निवेश के पर्याप्त अवसर हैं।

निवेश करें, बालाघाट में रोजगार दें, सरकार आपके साथ है 
चौहान ने कहा कि बालाघाट अपार संभावनाओं का स्वामी है। कृषि उत्पादन के साथ फूड प्रोसेसिंग की दिशा में बढ़ने की आवश्यकता है। राज्य सरकार निवेशकों को पूरे विश्वास के साथ निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है। बालाघाट में हरसंभव सुविधाएँ, सुरक्षित परिवेश और सहयोग उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवेशकों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप निवेश करें, बालाघाट में रोजगार दें, सरकार आपके साथ है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध 
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि मुख्यमंत्री ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप ही मध्यप्रदेश बीमारू से विकसित राज्यों की श्रेणी में आया है। जल संसाधन राज्य मंत्री रामकिशोर कांवरे ने कहा कि "एक जिला-एक उत्पाद" योजना में बालाघाट के चीनौर चावल की ब्रांडिंग का प्रयास किया जा रहा है। सांसद ढाल सिंह बिसेन ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक अधोसंरचना, यातायात, कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के लिए आवश्यक संसाधन आदि सभी बालाघाट में उपलब्ध हैं। राज्य शासन और निवेशकों के समन्वित प्रयास से बालाघाट के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। विधायक गौरीशंकर बिसेन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।