साईकिलिंग को बढ़ावा देने नैतिक संस्कार फाउण्डेशन ने फोर लाईन पर कराई बच्चों की साईकिल रेस

kamlesh pandey

छतरपुर, समाजसेवा के क्षेत्र में रचनात्मक एवं प्रेरणादायक कार्यों से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली समाजसेवी संस्था नैतिक संस्कार फाउण्डेशन जो विभिन्न विषयों को लेकर काम कर रही है,बात चाहे रक्तदान,नेत्रदान, आत्म निर्भर भारत, नदियों व तालाबों के लिए सफाई अभियान, शिक्षा के क्षेत्र की या खेल जगत की हो संस्था द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार निरंतर जिले में कार्य किये जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में संस्था द्वारा कोरोना काल में शिक्षण संस्थाएं बंद होने से मायूस होकर घर पर बैठे बच्चों को साईकिलिंग के लाभ एवं वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से फोर लाईन पर साईकिल रेस का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिदिन सुबह घूमने आने वाले कई बच्चों ने हिस्सा लिया। जिसमें प्रथम स्थान पर खुशुब अहिरवार,दूसरे पर विशेष रावत एवं तीसरे स्थान पर अंश मिश्रा रहे तथा रितिक वर्मा, प्रदोष मिश्रा,शुभ पाराशर, मोहित वर्मा, रोहित वर्मा,ओम चंदू कुशवाहा ने भी रेस में हिस्सा लिया।  रेस के संयोजक एवं प्रभारी देवेन्द्र अनुरागी (राष्ट्रपति) ने विजेताओं को मेडल पहनाकर सम्मानित किया एवं बधाई दी। इस अवसर पर राजू सर, सिद्धार्थ रावत,डोली वर्मा,पुष्पा कुशवाहा, आशी वर्मा, कचंन वर्मा, रजनी वंदना आदि ने उपस्थित होकर रेस में अपना सहयोग प्रदान किया। साईकिल रेस के संयोजक एवं प्रभारी देवेन्द्र अनुरागी ने बताया कि हम अपने दोस्तों के साथ प्रतिदिन सुबह महोबा रोड से निकली फोर लाईन पर टहलने आते हैं हमने देखा की बच्चे अपनी साईकिल लेकर आते हैं, तो हमारे मन में विचार आ कि इन बच्चों की साईकिल रेस प्रतियोगिता कराई जाये तो ओर अधिक बच्चे साईकिलिंग की ओर आकर्षित होंगे, जो उनके स्वास्थ्य के लिए  लाभ दायक होगा, हमने प्रतियोगिता के बारे में बच्चों से बात की तो बच्चों ने अपने दोस्तों सहित रेस में भाग लेने की बात कही तथा रेस में कई बच्चों ने भाग लिया। वहीं हमने बच्चों को वाहनों से निकलने वाले धुंये से हो रहे वायु प्रदूषण के दुस्प्रभावों की भी जानकारी दी। साईकिल रेस को लेकर बच्चों में अच्छा-खासा उत्साह देखने को मिला,रेस को लेकर बच्चें काफी उत्साहित थे। नैतिक संस्कार फाउण्डेशन के सचिव पुष्पेन्द्र चौरसिया ने बताया कि संस्था द्वारा यह एक छोटा सा प्रथम प्रयास था,जिसमें शत-प्रतिशत सफलता मिली है, आगे भी संस्था इसी प्रकार की गतिविधियों को बढ़ायेगी।