फूलों से सजी पालकी में निकले अवंतिकानाथ

उज्जैन
कार्तिक-अगहन मास में सोमवार को महाकाल की शाही सवारी निकली। देशी- विदेशी फूलों से सजी पालकी में सवार होकर अवंतिकानाथ ने नगर भ्रमण किया। करीब सात किमी लंबे सवारी मार्ग पर चार घंटे आस्था का उल्लास छाया रहा।
सभामंडप में पूजन के पश्चात शाम चार बजे पालकी शिप्रा तट की ओर रवाना हुई। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल के जवानों ने राजाधिराज को सलामी दी। इसके बाद सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली। शाही सवारी में महाकाल का ध्वज, पुलिस का अश्वरोही दस्ता, पुलिस बैंड, सशस्त्र बल की टुकड़ी, भजन मंडलिया, झांझ डमरू दल के सदस्यों के साथ बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए।
महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामानुजकोट होते हुए शाम करीब 4.40 बजे पालकी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारियों ने भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजाॐअर्चना की। पूजन पश्चात सवारी मंदिर की ओर रवाना हुई। कई स्थानों पर भक्तों ने पालकी का पूजन किया। कई संस्थाओं ने स्वागत मंच से पुष्प वर्षा कर सवारी का स्वागत किया।
अगली सवारी 22 जुलाई को
कार्तिक-अगहन के बाद महाकाल की अगली सवारी 22 जुलाई 2019 को (श्रावण मास) निकलेगी। ज्योतिर्विद् पं.आनंद शंकर व्यास के अनुसार श्रावण-भादौ मास में इस बार भगवान महाकाल की छह सवारियां निकलेगी। पहली सवारी 22 जुलाई, दूसरी सवारी 29 जुलाई, तीसरी सवारी 5 अगस्त, चौथी सवारी 12 अगस्त, पांचवी सवारी 19 अगस्त और 26 अगस्त को शाही सवारी निकलेगी।