दुर्गम क्षेत्रों में अब ड्रोन से पत्र और पार्सल भेजेगा डाक विभाग
अरुणाचल प्रदेश से शुरू की अनोखी पहल,समय भी बचेगा, सुविधा भी होगी
नई दिल्ली, ड्रोन का इस्तेमाल खेती-किसानी से लेकर हेल्थ सेक्टर तक व्यापक स्तर पर किया जाने लगा है। इसी कड़ी में भारतीय डाक विभाग ने पत्र और पार्सल भेजने के लिए स्काई एयर मोबिलिटी के साथ एक समझौता किया है।
प्रयोग सफल रहा तो होगा विस्तार
डाक विभाग प्रायोगित तोर पर यह कदम उठाया है, व्यावहारिकता प्रमाणित हो के बाद अन्य दुर्गम क्षेत्रों में भी इसके विस्तार की योजना है। डाक विभाग ने मंगलवार को बयान में कहा कि ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ के समर्थन में साक्ष्य जुटाने के मकसद से शुरू की गई पहल का विस्तार किया जाएगा। इसने कहा कि विभाग अन्य कठिन और पहाड़ी क्षेत्रों में पत्र और अन्य सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन इस्तेमाल करने के वर्क प्लान पर काम करेगा।
अरुणाचल प्रदेश में PoC शुरू किया
बता दें कि बीते 21 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई और लोहित जिले में स्थित चौखम डाकघर और नामसाई स्थित वाकरो ब्रांच पोस्ट ऑफिस के बीच ड्रोन के माध्यम से चिट्ठी पहुंचाने को लेकर PoC शुरू किया।
2 से 2.5 घंटे का काम हुआ 22.24 मिनट में
पहाड़ी इलाका होने के कारण चौखम डाकघर से वाकरो ब्रांच डाकघर के बीच चिट्ठी पहुंचने में लगभग 2 से 2.5 घंटे का समय लगता है, क्योंकि बसों के माध्यम से ले जाया जाता है। ड्रोन के माध्यम से चिट्ठी पहुंचाने से दोनों स्थानों के बीच लगने वाला समय कम होकर 22-24 मिनट हो गया है। इसके तहत चौखम डाकघर से एक ड्रोन सुबह 10.40 बजे चला और वाकरो ब्रांच डाकघर पर 11.02 बजे पहुंचा। वहीं वापसी में, ड्रोन सुबह 11.44 बजे वाकरो ब्रांच डाकघर से उड़ा और दोपहर 12.08 बजे चौखम डाकघर पहुंचा।
45 किलोमीटर की है दूरी
चौखम डाकघर से वाकरो ब्रांच डाकघर की दूरी 45 किलोमीटर है। ड्रोन पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर है और समय की भी बचत होगी। डाक विभाग का ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो अन्य दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में पत्र और पार्सल पहुंचाने के लिए ड्रोन के उपयोग को विस्तारित किया जाएगा।