सावधान... कार्ड से 2000 रुपये से कम के पेमेंट पर भी लग सकता है जीएसटी, कटेगी आपकी जेब!
नई दिल्ली। सरकार अब डेबिट या क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के पेमेंट पर सरकार 18 फीसदी जीएसटी लगा सकती है। अब आपको डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करना भारी पड़ सकता है। सोमवार 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जा सकता है फैसला। बैठक में जीएसटी से जुड़े कई फैसले लिए जाएंगे। सूत्रों की माने तो सरकार इस बैठक में बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसी पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये से कम के पेमेंट पर भी जीएसटी भरना पड़ सकता है।
GST से मिला नोटिस
बता दें कि बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे बड़े पेमेंट एग्रीगेटर्स को जीएसटी की ओर से एक नोटिस मिला है। सूत्रों के मुताबिक इसमें 2000 रुपये से कम के डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करने के लिए व्यापारियों से वसूले गए शुल्क पर जीएसटी की मांग की गई है। बता दें कि भारत में डिजिटल पेमेंट का 80 प्रतिशत से ज्यादा पेंमेंट 2000 रुपये से कम के होते हैं। साल 2016 में नोटबंदी के दौरान एक सरकारी नोटिफिकेशन के जरिए पेमेंट एग्रीगेटर्स को छोटे ट्रांजेक्शन पर व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स लगाने से रोक दिया गया था।
ग्राहकों की कटेगी जेब
अगर जीएसटी काउंसिल में 2000 रुपये तक के पेमेंट पर जीएसटी लगाने पर सहमति बनती है तो इसका असर पेमेंट करने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा। पेमेंट एग्रीगेटर्स फिलहाल व्यापारियों से हर ट्रांजेक्शन पर 0.5 फीसदी से 2 फीसदी तक चार्ज करते हैं। ऐसे में जीएसटी लागू होने पर वह अतिरिक्त चार्ज व्यापारियों यानी ग्राहकों पर डाल सकते हैं।
यूपीआई पेमेंट पर नहीं पड़ेगा असर
छोटे ट्रांजेक्शन के मामले में यूपीआई के जरिए पेमेंट करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर सरकार जीएसटी लगाती है तो इसका बोझ एग्रीगेटर्स ग्राहकों पर ही डाल सकते हैं। ऐसे में ग्राहकों को ज्यादा रकम का पेमेंट करना होगा। हालांकि यह रकम सिर्फ कार्ड (डेबिट और क्रेडिट) और नेट बैंकिंग द्वारा किए गए पेमेंट पर ही देनी होगी। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस से पेमेंट करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। बता दें कि यूपीआई के तहत कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।