दिल्ली हाईकोर्ट ने 88 दोषियों की सजा के फैसले को रखा बरकरार

दिल्ली हाईकोर्ट ने 88 दोषियों की सजा के फैसले को रखा बरकरार

 
नई दिल्ली 

दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में 88 लोगों को दोषी ठहराये जाने और पांच वर्ष जेल की सजा सुनाए जाने के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा। एक निचली अदालत ने घरों को जलाने और दंगों के दौरान कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए इन लोगों को दोषी ठहराया था।

दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने इन लोगों की अपीलों को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति आर.के. गौबा ने सभी दोषियों को चार सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए हैं। पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी क्षेत्र में दंगों, घरों को जलाने और कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए दो नवम्बर, 1984 को गिरफ्तार किए गए 107 लोगों में से 88 लोगों को सत्र अदालत ने 27 अगस्त,1996 को दोषी ठहराया था। दोषियों ने सत्र अदालत के इस फैसले को चुनौती दी थी।