अष्टमी के दिन ऐसे करें देवी महागौरी की आराधना, मिलेंगे महावरदान

अष्टमी के दिन ऐसे करें देवी महागौरी की आराधना, मिलेंगे महावरदान

 
नई दिल्ली     

 महागौरी देवी का आठवां रूप हैं. इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है. इनकी पूजा समस्त संसार करता है. मां महागौरी परम कल्याणकारी हैं. ये ममता की मूरत हैं और भक्तों की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली हैं. पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर कांति बढ़ती है, सुख में वृद्धि होती है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि अगर आप आर्थिक कष्ट से परेशान हैं, तो मां महागौरी की पूजा आपके आर्थिक कमी की परेशानी को दूर कर सकती है. इसके अलावा महागौरी से मनचाहे विवाह का वरदान भी मिल सकता है.

देवी महागौरी के स्वरूप की महिमा क्या है-
नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है. देवी का रंग गौर होने के कारण इनका नाम महागौरी पड़ा है. महागौरी की पूजा अर्चना से पूर्व जन्म के पाप नष्ट होने के साथ-साथ इस जन्म के दुःख दरिद्रता और कष्ट भी मिट जाते है. देवी महागौरी की चार भुजाएं और वृषभ इनका वाहन है. दाएं हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाएं हाथ मे त्रिशूल है. ऊपर वाले बाएं हाथ मे डमरू और नीचे बाएं हाथ में वर मुद्रा है.

देवी महागौरी की पूजा अर्चना से कुंडली का कमजोर शुक्र मजबूत होता है. इसलिए शादी विवाह में आई हुई परेशानियों को दूर करने के लिए महागौरी का पूजन किया जाता है. महागौरी की पूजा अर्चना से दांपत्य जीवन सुखद होता है साथ ही पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होती हैं.

नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व क्या है?

- नवरात्रि के आठवें दिन शीघ्र विवाह का वरदान मिल सकता है.

- साथ ही वैवाहिक जीवन भी सुखमय हो सकता है.

- इस दिन मां के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की जाती है.

- माना जाता है कि माता सीता ने श्री राम की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी.

- विवाह संबंधी तमाम बाधाओं के निवारण मैं इनकी पूजा अचूक होती है.

- ज्योतिष में इनका संबंध शुक्र नामक ग्रह से माना जाता है.

क्या है मां गौरी की पूजा विधि?

- पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करें.

- मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें.

- पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें.

- उसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें.

- अगर पूजा मध्य रात्रि मैं की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे.

विवाह की बाधा दूर करने के लिए ऐसे करें देवी महागौरी की पूजा अर्चना-

- लकड़ी के पटरे पर स्वच्छ पीला वस्त्र बिछाकर देवी महागौरी की प्रतिमा को स्थापित करें.

- स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करके पूरे पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें.

- देवी महागौरी के सामने गाय के घी का दिया जलाएं और उनका ध्यान करें.

- देवी मां को सफेद या पीले फूल दोनों हाथों से अर्पण करें तथा मंत्र का जाप करें.


- या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता

   नमस्तस्ये  नमस्तस्ये  नमस्तस्ये नमो नमः

-  निम्न मंत्र का 27 या 54 बार जाप करने से  विवाह में आ रही सारी बाधाएं दूर होती हैं

- प्रसाद के रूप में देवी महागौरी को नारियल अर्पण करें.

- ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी और कन्याओं को सुयोग्य वर मिलता है.

रात्रि का महाउपाय देंगी महागौरी महावरदान-

- एक सफेद आसन पर बैठकर महागौरी के सामने गाय के घी का दिया जलाएं और तांबे के लोटे में जल भरकर रखें.

- श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और सफेद मिष्ठान और नारियल का भोग लगाएं.

- पाठ पूरा होने के बाद  जल को सारे घर में छिड़क दें और प्रसाद के रूप में नारियल खाएं.

- ऐसा करने से पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होंगे. हर कार्य में सफलता मिलेगी.

आठवें दिन की पूजा से कैसे शुक्र को करें मजबूत?

- मां की उपासना सफ़ेद वस्त्र धारण करके करें.

- मां को सफ़ेद फूल, और सफ़ेद मिठाई अर्पित करें.

- फिर शुक्र के मूल मंत्र "ॐ शुं शुक्राय नमः" का जाप करें.

- शुक्र की समस्याओं के समाप्ति की प्रार्थना करें.
मां दुर्गा की बरसेगी विशेष कृपा-

- नवरात्रि के आठवें दिन मां को सफ़ेद फूल अर्पित करें. 

- इससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होगी.  
नवदुर्गा का विशेष प्रसाद-

- आज मां को नारियल का भोग लगाएं.

- इसे सर पर से फिरा कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. 

- आपकी कोई एक ख़ास मनोकामना पूर्ण होगी.  
मालामाल कर देंगे नवरात्र-

- नवरात्रि में छोटी बालिकाओं को अन्न वस्त्र और शिक्षा सामग्री का उपहार दें.

- इससे जीवन में सामान्यतः धन का अभाव नहीं होगा.