नक्सलियों ने जारी किया पर्चे!, चेतावनी दी कि मुखबिरी करना बंद करें, नहीं मौत की सजा के लिए तैयार रहें

नक्सलियों ने जारी किया पर्चे!, चेतावनी दी कि मुखबिरी करना बंद करें, नहीं मौत की सजा के लिए तैयार रहें

rafi ahmad ansari
बालाघाट। एक बार फिर नक्सलियों ने प्रेसनोट जारी कर पुलिस की कार्यप्रणाली की घोर निंदा की है और मुखबिरी कर रहे लोगों को चेतावनी दी है कि वे लोग चंद पैसों के लालच में आकर मुखबिरी करना बंद कर दे, वरना जनता की जन अदालत में मालखेड़ी जैसे मौत की सजा भुगतने तैयार रहे। उक्त आश्य का एक पत्र भारत कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी महाराष्ट्र मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने भेजा है। जहां इस आशय का एक पत्र पांढरवानी के बैगा टोला में प्राप्त हुए हैं। जहां प्रेसनोट में नक्सलियों ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने नक्सली साथियों का उल्लेख किया है।  

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नक्सलियों कहा कि शहिदो को आदर्श शोषण विमुख समाज वह हथियार नहीं बना, जो इस आदर्श को मिटा सके। ज्ञात हो कि बीते 1 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश के बलाघाट जिले के लांजी तहसील के ग्राम पुजारीटोला में गुप्त सूचना के आधार पर सुनयोजित और षड़यंत्र पूर्वक घर में घुसकर कॉमरेड मंगेश व कॉमरेड नंदा की कुरतापूर्वक दुश्मनो ने हत्या कर दिया। दिनांक 11 सितम्बर को ग्राम बोरबन में कॉमरेड सावीत्री व कॉमरेड शोभा की निर्गम हत्या किया, जो बेकसूर थे। दिनांक 6 नवम्बर 2020 को बैहर तहसील के ग्राम मालखेड़ी में कॉमरेड शारदा की क्रूरता पूर्वक मुटभेड में हत्या कर दिया। दिनांक 10 अगस्त को ग्राम खराड़ी में कॉमरेड सुभाष के ऊपर दुश्मनो ने ताबडतोड गोलिया चलाई, जिसमे कॉमरेड सुभास लड़ते लड़ते शहीद हो गया।

एमएमसी स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता अंनत द्वारा प्रेस विज्ञप्ति
में बताया गया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सुनयोजित मुठभेड करार दिया जाता है। भा.क.पा. इन हत्याओ की कड़ी भत्सरना एव निंदा करती है। तमाम कॉमरेड की हत्या साम्राज्यवाद के दलाल पूंजीपति से बेसुमार दौलत मंदों को फायदा पहुंचाने के लिए शोषित जनता के जल जंगल और जमीन पर कबजा करने के लिये देश भर में मोदी सरकार चलाये जा रहे। फाशीवादी, दमनकारी, रणनीति समाधान 2022 का ही भाग है मोदी, अमित शाह से लेकर उद्धव ठाकरे, भूपेश भघेल, शिवराज सिंग चौहान और तमाम उनकी दमनकारी पुलिस मंत्रणा इन हत्यायों के षड़यंत्र में शामिल है। इससे पहले भी कई बार बलाघाट पुलिस ने आम ग्रामीणों पर फायरिंग कर उनकी हत्या करके उन्हे माओवादी बताया।

2019 में ग्राम दहीयानटोला के हीरालाल टेकाम और नवम्बर 2020 में बालसमुंद के झामसिंग धुर्वे की निर्गम हत्या करके उन्हे माओवादी बताया। पुलिस अपनी कायराना हरकत को छुपाने के लिए माओवादी के साथ मुठभेड होने की मिडिया में अफवाह फैला दी, जिसकी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी घोर निंदा करती है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में नक्सलियों ने पुलिस के मुखबीरो को भी चेताया है कि चंद पैसे की लालच में आकर पुलिस की मुखबिरी करना बंद करो, नहीं तो मालखेडी जैसी मौत की सजा भुगतने तैयार रहो। जनता उनको कभी माफ नहीं करेगी।

इनका कहना है
आपसे हमें यह जानकारी मिली है, हम उसकी जाचं करवायेगें।
समीर सौरभ, एसपी बालाघाट।