बालाघाट में नक्सलियों ने फेंके बैनर व पर्चे, जनयुद्ध ना थमा है, ना ही थमेगा

बालाघाट में नक्सलियों ने फेंके बैनर व पर्चे, जनयुद्ध ना थमा है, ना ही थमेगा

rafi ahmad ansari
बालाघाट। मप्र के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में नक्सलियों की गतिविधियां बदस्तूर बनी हुई है। जहां नक्सली आये दिन अपनी उपस्थिति का एहसास दिला रहे है। अभी हाल ही में नव्ही के जगला निवासी एक युवक की मुखबीरी के शक में हत्या की थी। इस घटना के बाद से क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियां बनी हुई है। बाकि उनकी संख्या में इजाफा भी हुआ है।

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ग्रामीणों से कही दलम में शामिल होने की बात

इसी बीच सशस्त्र नक्सलियों ने बिती रात बिरसा जनपद की ग्राम पंचायत अडोरी के चौक में बेनर पोस्टर बांधे और पर्चे भी फेंके। जिसमें उन्होने आगामी 21 सिंतबर को माओंवादी संगठन की 18 वी वर्षगाठ मनाने की बात कही है। साथ ही उन्होंने संस्थापक चारु मजूमदार का नाम लिखकर अन्य मारे गए नक्सलियों का बदला लेने व दमनकारी नीतियों को विरोध कर दलम में शामिल होने की बात ग्रामीणों से कहीं है। जहां ग्राम कोटवार के माध्यम से घटना की सुचना पाथरी चौकी पुलिस को दी गई। जहां पुलिस ने मौके पर बंधे बेनर को बरामद कर लिया है और जांच पडताल शुरू कर दी है।

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ग्रामीणो को बरगलाने की कोशिश

घटना स्थल पर नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके, जिसमें उन्होने नक्सली विचारधारा का उल्लेख कर ग्रामीणो को बरगलाने की कोशिश की है। पर्चो में उल्लेख है कि 21 सिंतबर को माओवादी संगठन की स्थापना की 18 वीं वर्षगांठ को गांव-गांव में, कस्बो-बस्ती में और शहरो में क्रांतिकारी जोश और हर्षोल्लास के साथ मनाओं। इस अवसर पर भारत की नवजनवादी क्रांति को सफल करने युवक-युवती बडे पैमाने पर जनयुद्ध में खूद पडने की बात कहकर माओबादी संगठन की 18 वीं वर्षगांठ की तमाम शोषित उत्पीडित जनता को हार्दिक बधाई दी है।  

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पर्चे में यह भी उल्लेख है कि भाकपा (माओवादी) पार्टी की स्थापना की घोषणा भर से साम्राज्यवादी ताकतों एवं दलाल पूंजीपतियों के शीण, जुल्म, अत्याचार, उत्पीडन की खूंखार व्यवस्था ने क्रांतिकारी आंदोलन के खिलाफ एक के बाद एक दमन की बाढ ला दी। हजारों क्रांतिकारी आज जेलों में कैद है। हजारों क्रांतिकारियों की हत्या की जा चुकी है लेकिन एक पल के लिए भी ना जनयुद्ध थमा है और ना ही धमेगा। जिसे 8 सालों में मोदी सरकार ने क्रूर फासीवादी दमन रणनीतिक समाधान योजना- 2022 के जरिए आंदोलन को कुचलने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अंतत: उसे मुंह की खानी पड़ी है।

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पर्चो में नक्सलियों ने अपनी विचारधारा को उल्लेखित किया 

फेंके गये पर्चो में नक्सलियों ने अपनी विचारधारा को उल्लेखित किया है कि कुल मिलाकर शोषण और उत्पीडन से मुक्त आजाद और समाज का निर्माण करना ही माओवादी पार्टी का अंतिम लक्ष्य है। इस भाकपा (माओवादी) की स्थापना की 18 वीं वर्षगांठ को हम सब एक उत्सव की तरह मनाएं और इस अवसर पर जनयुद्ध में अपनी और से हरसंभव का प्रण लेकर शोषण मुक्त आजाद भारत की नींव को मजबूत करें।

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मौके पर पहुंचकर पुलिस ने उतारे बैनर व पर्चे

वही उक्त घटना की जानकारी मिलने पर हमारी टीम ने सुबह  ही ग्राम अडोरी पहुंचकर ग्रामीणो से चर्चा की। जहा ग्रामीणो ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे गांव के कुछ लोग मॉर्निग वॉक के लिये जा रहे थे, तो उक्त बेनर पोस्टर दिखे। जिसे उतरवाकर कोटवार के माध्यम से पुलिस चौकी पाथरी भिजवाया गया। हमारी टीम को उस क्षेत्र में कहीं पर भी पुलिस का गश्ती दल नजर नही आया। जबकि उस क्षेत्र में विगत एक पखवाडे से भारी तादाद में नक्सलियों की मौजूदगी होने की खबर पुलिस को भी मिल रही थी।

इनका कहना है 

बेनर पर्चे बांधे जाने की घटना की जानकारी पुलिस को है। पाथरी चौकी पुलिस ने बेनर जप्त कर लिया है। हमारी पुलिस अलर्ट पर है।
समीर सौरभ, एसपी बालाघाट।

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