राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस समारोह आयोजित, तथ्यपूर्ण, निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से डेटा एकत्र करने का किया आह्वान

जयपुर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के इस समय में सांख्यिकी क्षेत्र का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस आंकड़ों के महत्व से ही नहीं जुड़ा है बल्कि यह हमें वैज्ञानिक सोच के साथ सामाजिक और आर्थिक नियोजन के लिए प्रेरित करता है।
राज्यपाल श्री बागडे रविवार को हरिश्चन्द्र माथुर राज्य लोक प्रशासन संस्थान के सभागार में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में विभिन्न क्षेत्रों में आंकड़ों का एकत्रीकरण, उनका विश्लेषण और उपयोग प्रभावी नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण है। नीति-निर्माण के लिए डेटा आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
श्री बागडे ने राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर प्रख्यात भारतीय सांख्यिकीविद् प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रो. महालनोबिस की पहल और सोच से ही देश में 1950 में नेशनल सैंपल सर्वे की की स्थापना हुई।
राज्यपाल ने नेशनल सैंपल सर्वे अपने 75 वर्ष पूरे होने की बधाई देते हुए अधिकारियों का आह्वान किया कि वे तथ्यपूर्ण, निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से डेटा एकत्र करने के साथ उनके विश्लेषण में भी सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि आंकड़ों का महत्व सिर्फ रिपोर्टों तक ही सीमित नहीं है। आंकड़ों से ही देश की नीतियों का निर्धारण होता है, जन कल्याण की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन होता है। इसलिए इसमें सावधानी और जवाबदेही जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत इस समय विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तभी साकार होगा जब हमारे पास विश्वसनीय, समावेशी और रियल टाइम आँकड़े होंगे। इसके लिए अधिकारी प्रभावी प्रयास करें।
इससे पहले उन्होंने सांख्यिकी सेवा के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने इस अवसर पर 'खबरों के झरोखे से' पुस्तक का भी लोकार्पण किया।