ईरान—इजरायल युद्ध: दो दोस्त हुए दुश्मन,लड़ रहे जंग, लेकिन क्यों, जानें अंदर की बात

ईरान—इजरायल युद्ध: दो दोस्त हुए दुश्मन,लड़ रहे जंग, लेकिन क्यों, जानें अंदर की बात

एक समय था, जब ईरान और इजरायल अच्छे दोस्त थे। ईरान इजरायल को हथियार देने के साथ आपस में दोनों की अच्छी बनती थी। लेकिन आज दोनों एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं। दोनों देश एक-दूसरे के उपर मिसाइलों की बरसात कर रहे हैं।

मुस्लिम देशों के विरोध के बीच, इजराइल के साथ रहा ईरान

आपको बता दें कि 1948 में जब इजरायल एक देश के रूप में अस्तित्व में आया, तो दुनिय के अधिकांश मुस्लिम देशों ने उसे मान्यता नहीं दी। लेकिन ईरान ने इजरायल से अपने रिश्ते अचछे बनाए रखे। 

अरब देशों के विरोध में थे ईरान और इजरायल

मिडिल ईस्ट के बदलते हालातों को देखते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन ने 'पेरिफेरी डॉक्टरिन' को अपनाया, ताकि अरब देशों से निपटा जा सके। ईरान भी अरब मुल्कों से काफी ज्यादा परेशान था। उस समय ईरान पर शाह मोहम्मद रेजा पहलवी का शासन था और वह अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए थे। अमेरिका के ईरान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे रिश्ते थे। इस वजह से ईरान और इजरायल भी एक-दूसरे के करीब आ गए। ईरान इजरायल को तेल भी देता था।

इस्लामिक क्रांति के बाद से बिगडे हालात

1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान बना। इसके बाद ही इजरायल के बारे में ईरान का रुख एकदम से बदल गया। फिलिस्तीनी की जमीन कब्जे को लेकर ईरान इजरायल में विरोध हो गया। अब ईरान अमेरिका और इजरायल दोनों को शैतान बताने लगा। ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह रूहोल्लाह खोमेनी का कहना था कि ये दोनों देश मिडिल ईस्ट में सबसे ज्यादा दखलदाजी कर रहे हैं।

वर्चस्व की लडाई बनी दुश्मनी का कारण

इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान और इजरायल एक दूसरे के दुश्मन बन गए। ईरान मिडिल ईस्ट में अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता था। अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब उसकी राह में बन रहे थे। 1979 के बाद दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए। इसके बावजूद ईरान और इजरायल कभी सीधे तौर पर लड़ने स्थिति में नहीं पहुंचे। इजरायल कभी कभार ईरान पर हमला करता रहा।

इजरायल ने 2010 में ईरान ने कई न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले किए

इजरायल ने 2010 में ईरान पर परमाणु बम बनाने और का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया और उसके कई वैज्ञानिकों को मार दिया। वहीं दूसरी तरपफ यह भी आरोप लगाया कि ईरान गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिज्बुल्लाह जैसे चरमपंथी संगठनों की फंडिंग करता है, जो उसके लिए मुस्किलें पैदा करते हैं। इसके बाद ईरान ने भी कई बार इजरायली हमलों का जवाब देते हुए इजरायल पर अटैक किया है।

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