अमरगढ़ किले से 600 साल पुरानी बेशकीमती नीलम निर्मित मूर्ति चोरी

भीलवाड़ा। ऐतिहासिक अमरगढ़ किले से 600 साल पुरानी जगमोहन भगवान मूर्ति व आभूषण चोरी हो गए। नीलम की बनी हुई थी भगवान जगमोहन की तीन फीट की मूर्ति। मूर्ति की दोनों पंजे वहीं रह गए। मूर्ति चोरी की सूचना बुधवार सुबह ग्रामीणों को मिली तो रोष फैल गया। लोगों ने विरोध में बाजार बंद कर दिए व प्रदर्शन किया।
प्रतिमा अत्यंत बेशकीमती है
मिली जानकारी के अनुसार चोरी हुई नीलम की प्रतिमा ऐतिहासिक महत्व की है और इसकी कीमत का अभी सही-सही आकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह प्रतिमा अत्यंत बेशकीमती है।
ग्रामीणों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी
चोरी की सूचना मिलते ही जहाजपुर पुलिस उपाधीक्षक अजीतसिंह मेघवंशी, थाना प्रभारी हेमराज मीणा एवं एफएसएल टीम पहुंची। चोरी की वारदात का तीन दिन में खुलासा नहीं होने पर ग्रामीणों ने अमरगढ़ कस्बे को बंद रखकर प्रदर्शन की चेतावनी दी।
रात को हुई चोरी, सुबह पुजारी के पहुंचने पर घटना का पता चला
किले के राव रूपेंद्र सिंह कानावत ने बताया कि चोर मंगलवार रात अमरगढ़ किले में घुसे। मेन गेट का ताला मंदिर से 600 साल पुरानी बेशकीमती मूर्ति उखाड़ ले गए। भगवान का मुकुट, चांदी की बांसुरी, राधा रानी का चांदी का मुकुट, पायजेब, कड़ा व अन्य आभूषण भी चुरा ले गए। सुबह पुजारी राजेंद्र सिंह किले पर पहुंचे तो घटना का पता चला।
2013 में मूर्ति के दोनों हाथ लेगए थे चोर
किले के मंदिर में वर्ष 2013 में इसी मूर्ति के दोनों हाथ चोर ले गए थे। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर हाथ बरामद किए थे। मामला अभी कोर्ट में लंबित है। फिर मूर्ति के आभूषण चोरी हो गए थे। मंगलवार को इस मंदिर में चोरी की तीसरी वारदात हुई।
कानसिंह ने रखवाई थी भगवान जगमोहन की नीलम की मूर्ति
महाराणा उदयसिंह के वंशज कानसिंह ने किले का 600 साल पहले निर्माण कराया। किलक का निर्माण कराने से पहले मंदिर की स्थापना की और भगवान जगमोहन की नीलम की मूर्ति लगवाई। इस स्थान को चमत्कारिक माना गया और बाद में यहां किले का निर्माण करवाया।