PM मोदी ने रैना के नाम लिखा पत्र, नई पारी के लिए दी शुभकामनाएं

PM मोदी ने रैना के नाम लिखा पत्र, नई पारी के लिए दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और शानदार फील्डर माने जाने वाले सुरेश रैना (Suresh Raina) ने भी 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रैना को पत्र लिखकर भारतीय क्रिकेट में योगदान के लिए धन्यवाद कहा, साथ ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर का बेहतरीन फील्डर भी बताया. पत्र में प्रधानमंत्री ने रैना को नई पारी के लिए शुभकामनाएं दी.

रैना ने सोशल मीडिया पर कहा शुक्रिया
रैना ने इंस्टाग्राम पर खुद यह पत्र शेयर किया और लिखा, 'जब हम खेलते हैं तब अपना खून-पसीना बहाते हैं. फैंस के प्यार से बढ़कर और कोई तारीफ नहीं होती. यह तारीफ और खास बन जाती है जब यह देश के प्रधानमंत्री की ओर से मिले. धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी आपके शब्दों और शुभकामनाओं के लिए. जय हिंद'


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र

प्रिय सुरेश,

15 अगस्त के दिन आपने वह फैसला किया जो शायद आपकी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला था. मैं आपके लिए रिटायरमेंट शब्द का प्रयोग नहीं करूंगा क्योंकि आप काफी युवा औऱ जोश से भरे हुए हैं. क्रिकेट फील्ड के बाद आप अपनी अगली पारी के लिए तैयारी कर रहे हैं. आपने हमेशा क्रिकेट को जीया है. आपके सफर की शुरुआत मुरादनगर में काफी जल्दी हो गई थी और फिर आप इसी सपने को लेकर लखनऊ पहुंचे. तबसे क्या शानदार सफर रहा है आपका जहां आपने तीनों फॉर्मेट में देश का प्रतिनिधित्तव किया.

आपको सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर ही याद नहीं किया जाएगा बल्कि ऐसे गेंदबाज के तौर पर भी याद किया जाएगा जो हमेशा कप्तान के काम आया जब भी टीम को जरूरत पड़ी. आपकी फील्डिंग ओरों को प्रेरित करने की है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के कई शानदार कैच आपके नाम हैं. आपने अपनी फील्डिंग से कितने रन रोके यह गिनने के लिए कई दिन चाहिए.

वर्ल्ड कप 2011 के दौरान आपके प्रदर्शन को देश कभी नहीं भूलेगा, मैंने अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में आपके खेल को लाइव देखा था. उस वक्त टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉर्टरफाइनल मैच खेल रही थी. आपकी पारी ने भारतीय टीम की जीत में अहम योगदान दिया था. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि फैंस आपके कवर ड्राइव शॉट को जरूर मिस करेंगे. मैं खुद को खुशनसीब मानता हूं कि उस मैच को लाइव देखा था.

खिलाड़ियों को न सिर्फ मैदान में उनके प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है, बल्कि ग्राउंड के बाहर किए गए व्यवहार की प्रशंसा की जाती है. आपके जद्दोजहद करने की चाहत कई युवाओं को प्रेरित कर सकती है. अपने करियर के दौरान कई बार आपको निराशा हाथ लगी, जिसमें चोट से गुजरना शामिल था, लेकिन हर बार आपने चुनौतियों को पार पा लिया, ये आपकी दृढ़ता है.