स्वदेशी कोड, भारतीय भाषा, जन-जन की तकनीक, राजस्थान का डिजिटल संकल्प और मजबूत - आईटी मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़

स्वदेशी कोड, भारतीय भाषा, जन-जन की तकनीक, राजस्थान का डिजिटल संकल्प और मजबूत - आईटी मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़

'भाषिणी' से क्षेत्रीय भाषाओं में सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल और जयपुर में आयोजित होगा स्टार्टअप महाकुम्भ: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़

जयपुर। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की उपस्थिति में गुरुवार को जयपुर स्थित भामाशाह डेटा सेंटर में दो महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। पहला एमओयू राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग और केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया 'भाषिणी' प्रभाग के बीच हुआ। दूसरा एमओयू सी-साइड स्टार्टअप समिट व स्टार्टअप आर्मेनिया के फाउंडर डॉ. हाकोब हाकोबयान,  आईओएलएफ और आई-स्टार्ट राजस्थान के बीच किया गया।

इस अवसर पर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान जैसे विशाल भू-भाग में कोस-कोस पर भाषा बदल जाती है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि नागरिकों को उनकी मातृभाषा में राजकीय सेवाओं का लाभ मिल सके। इसी दिशा में अब 'भाषिणी' और डीओआईटी मिलकर कार्य करेंगे तथा आधुनिक तकनीकों की मदद से भाषाई अवरोधों को दूर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने तथा भाषा के आधार पर नहीं, बल्कि ज्ञान के आधार पर युवाओं को अवसर मिले। 'भाषिणी' की मदद से किसान अपनी फसल, मौसम और खाद-बीज से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। महिलाएं अपने व्यवसाय को बढ़ाने में सक्षम होंगी और विद्यार्थी सरलता से ज्ञान अर्जित कर पाएंगे। यह सब कार्य अब अपनी मातृभाषा में संभव हो सकेंगे।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार के आई-स्टार्ट कार्यक्रम से हजारों स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य में स्टार्टअप महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उद्यमियों, निवेशकों और अन्य हितधारकों को एक ही मंच पर आमंत्रित किया जायेगा ताकि वे विकसित राजस्थान के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें।

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. रवि कुमार सुरपुर ने बताया की विभाग भाषिणी के साथ मिलकर उपलब्ध डाटा के आधार पर नागरिकों को क्षेत्रीय भाषाओं में संवाद की सुविधा उपलब्ध कराएगा। इससे किसानों, महिलाओं, युवाओं और जनजातीय क्षेत्रों में गुड गवर्नेंस को सशक्त बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राजधानी जयपुर में आगामी जनवरी-फरवरी माह में चार दिवसीय स्टार्टअप महाकुंभ का आयोजन प्रस्तावित है, जिसमें देश-विदेश के स्टार्टअप फाउंडर, निवेशक और हितधारक भाग लेंगे।

'भाषिणी' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ नाग ने बताया कि 'भाषिणी' केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू की गई है। इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण तकनीकों के माध्यम से भारत में भाषाई बाधाओं को समाप्त करना है, जिससे 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं और सूचनाओं तक सहज पहुंच सुनिश्चित की जा सके। भविष्य में अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। इससे डिजिटल समावेशन को प्रोत्साहन मिलेगा और नागरिक अपनी मातृभाषा में डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ सकेंगे। सरकारी वेबसाइटों पर टेक्स्ट टू स्पीच और स्पीच टू टेक्स्ट की सुविधा से नागरिक अपनी भाषा में संवाद कर सकेंगे तथा शिकायत या आवेदन जैसे कार्य आसानी से कर पाएंगे। इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अन्य सभी हितधारक उपस्थित थे।