प्रकृति संरक्षण 'पुण्य' समान, वन, वन्यजीव और जैव विविधता महत्वपूर्ण, संरक्षण एवं संवर्धन हमारी प्राथमिकता- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 

प्रकृति संरक्षण 'पुण्य' समान, वन, वन्यजीव और जैव विविधता महत्वपूर्ण, संरक्षण एवं संवर्धन हमारी प्राथमिकता- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 

राज्य वन्यजीव मण्डल की 15वीं बैठक: वन्यजीव प्रदेश की गौरवशाली पहचान

विकास कार्यों के प्रस्तावों को मिली स्वीकृति

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वन्यजीव संसाधन राज्य की गौरवशाली पहचान है। वन्यजीवों का संरक्षण एवं संवर्धन करना हम सभी की अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वन्यजीवों तथा जैव विविधता के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है। शर्मा ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन्यजीव प्रबंधन के कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग हो। इसमें जनता की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य वन्यजीव मण्डल की 15वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र के मुख्य घटक होते हैं। ऐसे में वन्यजीवों के महत्व को लेकर व्यापक स्तर पर जागरुकता की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के वन्यजीव संसाधनों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों से वन्यजीव संरक्षण के संबंध में सुझाव लिए जाएं। 

89 स्वीकृति प्रस्ताव अनुमोदित

राज्य वन्यजीव मंडल द्वारा पूर्व में सर्कुलेशन के माध्यम से अनुमोदित 65 वन्यजीव स्वीकृति प्रकरणों का अनुमोदन किया गया। साथ ही, राज्य वन्यजीव मंडल ने सोमवार की बैठक में 24 प्रस्तावों का अनुमोदन किया। इससे वन्यजीव संरक्षण व संवर्धन के कार्याें को गति मिलेगी।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन हमारी विरासत है। प्रकृति का संरक्षण पुण्य समान है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटे-छोटे विषयों पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने लैन्टाना उन्मूलन की एसओपी का अनुमोदन किया। साथ ही, जूली फ्लोरा को अभियान चलाकर जन सहयोग से हटाने और उनके स्थान पर अन्य पौधे लगाने के निर्देश दिए। 

शर्मा ने कहा कि साइबेरियन क्रेन जैसे प्रवासी पक्षियों को पुनः राजस्थान में लाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा वन्यजीव क्षेत्र में किए कार्यों के लिए सराहना की। उन्होंने संस्था प्रतिनिधियों से कहा कि वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन की दिशा में आगे बढ़े, राज्य सरकार पूर्ण रूप से आपके साथ है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मानसून में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कहा कि हर गांव-हर शहर में वन मित्र और वृक्ष मित्र बनाए जाएं, उनके सामूहिक प्रयासों से ही प्रदेश पर्यावरण संरक्षण की दिशा में और आगे बढ़ेगा। इस दौरान राज्य के वन्य क्षेत्रों में विकास से सम्बंधित विभिन्न प्रस्तावों सहित अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा सहित समिति सदस्य, विभागीय अधिकारी और विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे। 

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