जयपुर में एक दूजे के हुए शिप्रा और कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय
जयपुर के ताज आमेर होटल में हुआ कार्यक्रम
देशभर से संत-महंत, कथावाचक और बड़ी हस्तियों ने पहुँचकर नवदंपत्ति को आशीर्वाद दिया
जयपुर। वृंदावन के युवा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने शुक्रवार को हरियाणा की शिप्रा शर्मा के साथ वैदिक रीति से सात फेरे लेकर विवाह संस्कार पूरा कर लिया। जयपुर के ताज आमेर होटल में मिनी वृंदावन की तरह सजे विवाह स्थल पर देशभर से संत-महंत, कथावाचक और बड़ी हस्तियों ने पहुँचकर नवदंपत्ति को आशीर्वाद दिया।
इंद्रेश के साथ—साथ रहे धीरेंद्र शास्त्री
विवाह विधियों के दौरान बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मंडप में इंद्रेश उपाध्याय के पीछे बैठे नजर आए। दूल्हा-दुल्हन पारंपरिक वेशभूषा में बेहद आकर्षक दिखे—शिप्रा सुनहरी साड़ी में और इंद्रेश हल्की गुलाबी शेरवानी में।
खुद इंद्रेश ने गाया भजन
इंद्रेश उपाध्याय ने विवाह मंडप में स्वयं माइक संभाला और भजन गाए। ‘राधे-राधे’ और मधुर गोपी भजनों से पूरा माहौल भक्ति रस में डूब गया।
कई संत-महंत और हस्तियाँ पहुँचीं
शादी में अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी, देवकीनंदन ठाकुर, अनिरुद्धाचार्य महाराज, जगद्गुरु रामभद्राचार्य के प्रतिनिधि, बाल योगेश्वर दास सहित कई संत उपस्थित हैं। कवि कुमार विश्वास भी समारोह में पहुंचे और मजाकिया अंदाज़ में बोले—“अब अगला नंबर धीरेंद्र शास्त्री का है।”
सिंगर मान्या अरोड़ा मान्या अरोड़ा भी मौजूद
सिंगर मान्या अरोड़ा भी विवाह समारोह में मौजूद रहीं। मायरा-भात कार्यक्रम में उन्होंने इंद्रेश के साथ भजन गाए थे। विवाह कार्यक्रम में जया किशोरी, बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा और कई अन्य प्रमुख चेहरे भी पहुंचे।
ताज आमेर होटल बना मिनी वृंदावन
विवाह स्थल को ब्रज संस्कृति के अनुसार सजाया गया है। होटल के विभिन्न हिस्सों को वृंदावन, गोकुल, नंदगांव, बरसाना और गोवर्धन नाम दिए गए हैं—
वृंदावन – विवाह मंडप
गोकुल – संगीत और मेहंदी कार्यक्रम
गोवर्धन – भोजन व्यवस्था
जगन्नाथ पुरी – प्रसादी भोजन तैयार होने का स्थल
2000 मेहमानों के लिए किया गया भव्य इंतजाम
समारोह में लगभग 2000 मेहमानों के लिए व्यवस्था की गई है। सभी कार्यक्रम पूरी तरह निजी रखे गए हैं। मेहमानों के लिए सात्विक ब्रज–राजस्थानी भोजन परोसा जा रहा है, जिसमें— रबड़ी, लस्सी, मेवा बाटी, जलेबी, आलू टिक्की, कचौड़ी वृंदावन के विशेष हलवाइयों द्वारा तैयार भोजन शामिल है।
निमंत्रण के साथ क्या भेजा गया
विवाह कार्ड के साथ राधारमण जी का मिश्री-इलायची प्रसाद, तुलसी और वृंदावन के अन्य मंदिरों के लड्डू भेजे गए थे।
वैदिक मंत्रों के बीच भरा सिंदूर
शुक्रवार दोपहर, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इंद्रेश उपाध्याय ने शिप्रा की मांग में सिंदूर भरा।
अतिथियों ने वर-वधू पर पुष्पवर्षा कर आशीर्वाद दिया।
वृंदावन में भी होगा भव्य स्वागत
जयपुर में विवाह रस्में पूरी होने के बाद जब शिप्रा पहली बार वृंदावन आएंगी, तो वहां भी उनके स्वागत की खास तैयारियाँ चल रही हैं।
वृंदावन, काशी, उज्जैन और नासिक के विद्वान ब्राह्मण विवाह अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं।
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