गृहमंत्री अमित शाह का ऐलान-भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे

गृहमंत्री अमित शाह का ऐलान-भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे

हैदराबाद। केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही अंग्रेजों द्वारा बनाए गए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बदलने जा रही है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह बात शुक्रवार को हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा प्रोबेशनर्स के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। बता दें कि केंद्र सरकार ने इसके लिए कदम भी बढ़ा दिए है मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने यह बिल लोकसभा में पेश भी कर दिया था, जिसके बाद इसे स्क्रूटनी कमेटी के पास भेज दिया गया।

आईपीएस कैडेटों की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए गृहमंत्री
हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में शुक्रवार को आईपीएस कैडेटों की पासिंग आउट परेड में केंद्रीय गृहमंत्री शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए कानूनों को खत्म कर रहा है और नए आत्मविश्वास और नई आशाओं के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश महिला नेतृत्व वाले विकास में आगे बढ़ रहा है।

स्थायी समिति के पास है बिल
गौरतलब है कि ये तीन विधेयक संसद के मानसून सत्र में पेश किए गए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को व्यापक परामर्श और चर्चा के लिए स्थायी समिति के पास भेजने का आग्रह किया था। समिति को अगस्त महीने में तीनों विधेयकों का अध्ययन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था

देश को मिले 175 आईपीएस
परेड को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 75 साल में यहां से निकले हुए आईपीएस अधिकारियों ने देश की सुरक्षा और आंतरिक सलामती को मजबूत करने के लिए एक यशस्वी इतिहास का निर्माण किया है। आप लोगों की ये जिम्मेदारी है कि इस इतिहास को आगे लेकर जाएं। इस बैच के 175 प्रशिक्षु अधिकारियों में 34 महिला अधिकारी भी इसका हिस्सा बनी हैं जो अब तक का सबसे बड़ा महिला भागीदारी का उदाहरण है।

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