सुप्रीम कोर्ट ने जब्त की गई राशि का सालाना 12 फीसदी की ब्याज दर की बढ़ोतरी करके राशि का भुगतान करने का फैसला सुनाया है
praveen namdev
जबलपुरः एमपी पॉवर जनरेशन कंपनी को आठ साल पहले लिए फैसले का भुगतान उन्हें अब करना पड़ेगा ऐसा प्रबंधन ने सोचा भी नहीं होगा। दरअसल, अमरकंटक पॉवर प्लांट के मेंटनेंस को लेकर इटली की कंपनी अनसाल्डो इनर्जिया को 8 साल पहले ठेका दिया था।
हालांकि, ठेका दिए जाने के कुछ ही दिनो बाद एमपी पॉवर जनरेशन कंपनी ने काम में खामी का हवाला देते हुए संबंधित कंपनी का ठेका रद्द कर दिया था। साथ ही, कंपनी ने इटली की कंपनी की टेंडर द्वारा जमा की गई राशि को भी बैंक प्रतिभूति के तौर पर 35 करोड़ रुपए जब्त कर लिए थे, जिससे नाराज इटली की कंपनी ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे गलत करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जब्त की गई राशि का सालाना 12 फीसदी की ब्याज दर की बढ़ोतरी करके राशि का भुगतान करने का फैसला सुनाया है। इस हिसाब से एमपी पॉवर जनरेशन कंपनी को आठ साल का 12 फीसदी ब्याज दर को हर साल जोड़कर करीब 90 करोड़ रुपए इटली की कंपनी को लौटाना होंगे।
ये था पूरा मामला
आपको बता दें कि, साल 1999 में डच्म्ठ ने विद्यृत गृह के रखरखाव और तकनीकी चीजों को बढ़ाने के लिए इटली की कंपनी की ठेका दिया था। ठेका करीब 180 करोड़ रुपए का था। इसमें यूनिट क्रमांक 3 एवं 4 पर काम किया जाना था। कंपनी ने ठेका के लिए बैंक प्रतिभूति के तौर पर 17 करोड़ रुपए की राशि अग्रिम भुगतान तथा 18 करोड़ रुपए कार्य दक्षता की एवज में जमा किया। काम में खामियों और तय समय से देर होने रके कारण डच्म्ठ ने ठेका रद्द करके इटली की कंपनी द्वारा जमा की गई सेक्युरिटी मनी जब्त कर ली थी,साथ ही कंपनी ने बैंक प्रतिभूति भी जब्त कर ली थी। डच्म्ठ के इस फैसले से नाराज ठेका कंपनी ने सबसे पहले जबलपुर के जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, इसके बाद उच्च न्यायालय में याचिका लगाई। इसके बाद आखिर में सुप्रीम कोर्ट मामला पहुंचा, जहां 16 अप्रैल 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि, मामले पर 5 जुलाई 2001 से उक्त राशि पर 12 फीसदी ब्याज के साथ पूरी राशि लौटानी होगी। इसके अलावा कंपनी द्वारा निर्माणाधीन वस्तुओं की कीमत 11 करोड़ से ज्यादा की रकम के दावे पर भी 29 जुलाई 2002 से 12 फीसदी ब्याज के साथ राशि लौटाने के निर्देश दे चुका है।