फैसला सुनकर बोला माफिया डॉन छोटा राजन, 'ठीक है'

मुंबई  वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे (जे. डे) हत्याकांड मामले में मुंबई की विशेष मकोका अदालत ने बुधवार को माफिया डॉन छोटा राजन समेत 9 लोगों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। दीपक सिसौदिया को छोड़कर इनमें से प्रत्येक पर 26-26 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। छोटा राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुआ। सजा सुनाने के बाद जब न्यायाधीश ने छोटा राजन से पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहता है, तो उसने (छोटा राजन) बस इतना कहा, ‘ठीक है।’ नवंबर 2015 में जब डॉन राजन को इंडोनेशिया के बाली से भारत लाया गया था, तब यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया था। किसी बड़े मामले में छोटा राजन को दोषी ठहराने का यह पहला मामला है। पिछले साल दिल्ली की अदालत ने राजन को फर्जी पासपोर्ट के मामले में 7 साल कैद की सजा सुनाई थी। रिहाई सुनते ही खुशी से रोईं जिग्ना  रिहाई का आदेश सुनते ही जिग्ना वोरा की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। सरकारी पक्ष का आरोप था कि वोरा ने जे. डे की शिकायत छोटा राजन से की थी। जे. डे की बाइक की नंबर प्लेट और उनके घर के पते की सूचना भी पहुंचाई थी। शूटरों को जे. डे की पहचान कराई थी। जिग्ना पर आरोप था कि उसने छोटा राजन को जे. डे के खिलाफ भड़काया और जोसेफ के मोबाइल से दो बार राजन से बात भी की, लेकिन कोर्ट ने जोसेफ और जिग्ना, दोनों को बरी कर दिया। ‘पत्रकारिता पर हमला’  सरकारी वकील प्रदीप घरात ने अदालत में कहा, ‘यह हत्याकांड दुर्लभतम मामला है, क्योंकि इसमें माफिया सरगना ने एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या की। यदि इन अपराधियों को कड़ी सजा नहीं दी गई, तो पत्रकारों के लिए काम करना कठिन हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। लोकतंत्र की सफलता के लिए निर्भीक और स्वतंत्र पत्रकारिता जरूरी है। सरकारी वकील प्रदीप घरात के यह बताने पर कि जे. डे की बहन लीना बीमार हैं और अपना इलाज कराने में असमर्थ हैं, न्यायाधीश ने आदेश दिया कि लीना को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। बता दें, पवई में 11 जून, 2011 को अपराध पत्रकार ज्योतिर्मय डे उर्फ जे. डे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मकोका अदालत के न्यायाधीश समीर अडकर ने पूर्व पत्रकार जिग्ना वोरा और जोसेफ पॉलसन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। वोरा पर आरोप था कि उनके उकसाने पर ही छोटा राजन ने जे. डे की हत्या कराई थी। जोसेफ पर हत्यारों को सिम कार्ड उपलब्ध कराने का आरोप था।