एक हाथ में दो उंगलियां नहीं थीं, फिर भी क्रिकेट की दुनिया में छा गया ये बॉलर
नई दिल्ली
हाथों की कम उंगलियां किसी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती हैं. और क्रिकेट की बात करें, तो बल्लेबाजी, गेंदबाजी या फिर फील्डिंग में उंगलियों का दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है. लेकिन क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा भी गेंदबाज आया, जिसके एक हाथ की दो उंगलियां जन्म से ही नहीं थीं. जी हां! बात हो रही है 1980 के दशक के पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अजीम हफीज की. आज उनका जन्मदिन है. हफीज 57 साल के हो गए.
29 जुलाई 1963 को पैदा हुए राजा अजीम हफीज बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे, जिन्होंने 1983-85 के बीच पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया था. दाहिने हाथ में जन्म से दो उंगलियां कम रहने के बावजूद हाफीज ने अंतरराष्ट्रीय सर्किट में अविश्वसनीय प्रदर्शन किया. बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 78 विकेट ( 18 टेस्ट- 63 विकेट, 15 वनडे- 15 विकेट) चटकाए.
हफीज ने 1977-78 में गलियों में क्रिकेट खेलना शुरू किया. वह महान हनीफ मोहम्मद के करीब रहे, जिनके भाई मुश्ताक और सादिक भी टेस्ट क्रिकेटर थे. एक ही मुहल्ले में इन क्रिकेटरों की मौजूदगी से हफीज को बड़ी प्रेरणा मिली. उन्होंने अपने घर के पास की तंग गलियों में क्रिकेट की बारीकियां सीखीं.
हाफीज के माता-पिता ने शारीरिक चुनौतियों के कारण उनकी पढ़ाई पर बहुत जोर दिया. वह 12वीं की परीक्षा पास करने में सफल रहे. लेकिन बाद में खेल के प्रति उनका जुनून हावी हो गया. उन्हें कराची अंडर -19 और पाकिस्तान अंडर-19 के लिए खेलने का मौका मिला. आखिरकार उन्हें भारत के दौरे के लिए चुन लिया गया.
बात उन दिनों की है, जब दिग्गज इमरान खान पैर में चोट की वजह से अनफिट थे. ऐसे में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बेहद कम अनुभव रखने वाले अजीम हफीज को तेज गेंदबाजी के लिए बुलाया गया. हफीज ने सितंबर 1983 में भारत के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में पदार्पण किया. तीन टेस्ट मैचों की उस सीरीज में हफीज को 10 विकेट मिले थे.
इसी के बाद हफीज ने ऑस्ट्रेलिया दौरे में मैराथन स्पेल्स फेंके और कुल 19 विकेट निकाले. एडिलेड और पर्थ टेस्ट में उन्होंने पहली बार पारी में 5-5 विकेट लिये. अक्टूबर 1984 में घरेलू सीरीज के लाहौर टेस्ट की बेजान पिच पर हफीज ने भारत की पहली पारी में 46 रन देकर 6 विकेट झटके. इसके बाद हफीज ने 1984-85 में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार छह टेस्ट मैच खेले और 22 विकेट अपने नाम किए. और यहीं उनके टेस्ट करियर की समाप्ति भी हो गई, क्योंकि वसीम अकरम का उदय हो चुका था.
वकार यूनुस के बाएं हाथ की छोटी उंगली नहीं
पाकिस्तान के बेहतरीन तेज गेंदबाज रहे वकार यूनुस के बाएं हाथ में सबसे छोटी उंगली नहीं है. बचपन में क्रिकेट खेलते समय वकार को छोटी उंगली में इतनी तेज चोट लगी कि डॉक्टर को वह उंगली काटनी पड़ी थी. लेकिन सभी जानते हैं वकार ने क्रिकेट वर्ल्ड में अपनी गेंदबाजी से खौफ पैदा किया था.