क्या आप भी रोज करते हैं स्पर्म रिलीज?

क्या आप भी रोज करते हैं स्पर्म रिलीज?


मास्टरबेशन एक सेक्सुअल एक्टिविटी है जिसमें व्यक्ति (यहां पुरुष) अपने गुप्तांगों को सेक्सुअल ख़ुशी और स्पर्म रिलीज करने के लिए उत्तेजित करता है। ये महिलाओं और पुरुषों दोनों में सामान्य है।

रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में 14 से 17 साल के युवा (तकरीबन 74% लड़के और 48% लड़कियां) मास्टरबेट करते हैं। वहीं 57 से 64 की उम्र के दायरे में तकरीबन 63% पुरुष और 32% महिलाएं मास्टरबेट करते हैं। लोग मास्टरबेट के जरिये खुशी, एन्जॉयमेंट हासिल करते हैं और साथ ही तनाव को दूर करते हैं।

रोजाना मास्टरबेट करने से जुड़े मिथक
कई लोग यकीन करते हैं कि रोजाना मास्टरबेट करने से आंखों की रौशनी जा सकती है, हथेली पर बाल आ सकते हैं, सेहत से जुड़ी परेशानियां, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, पेनिस में सिकुड़न आदि की समस्या हो सकती है। लोग ये भी सोचते हैं कि ज्यादा मास्टरबेट करने से सीमेन की मात्रा में गिरावट आ जाती है। सबसे बड़ा झूठ जो मास्टरबेशन के साथ जुड़ा है वो ये है कि इसकी वजह से इनफर्टिलिटी (बांझपन) आ जाता है। ये भी कहा जाता है कि पुरुष मास्टरबेट कर सकते हैं लेकिन महिलाएं नहीं। महिलाओं का पीरियड्स के दौरान मास्टरबेट करना अस्वस्थ माना जाता है और ये भी एक झूठ ही है।

रोजाना मास्टरबेट करने से होते हैं ये फायदे
आप खुश रहते हैं। प्रोस्टेट कैंसर का खतरा घट जाता है। स्ट्रेस और टेंशन दूर करने में मदद मिलती है। वजाइना का रूखापन कम होता है और सेक्स के दौरान दर्द कम होता है, खासतौर से ये फायदा उम्रदराज महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है।

ये है एक स्वस्थ कार्य
कुछ लोग मास्टरबेशन को लेकर बुरा महसूस कर सकते हैं। उन्हें ऐसा करके खुद के दोषी होने का एहसास होता है। लेकिन मास्टरबेशन एक सामान्य और स्वस्थ काम है। इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिसे लेकर आपको खुद को दोषी महसूस करना चाहिए। रोजाना मास्टरबेशन करके ना ही आंखों की रौशनी कम होती है और ना ही कोई मानसिक समस्या पैदा होती है। गौरतलब है कि किसी भी चीज की अति गलत होती है। आप अपनी ऊर्जा को किसी खेल या हॉबी की तरफ लगा सकते हैं ताकि इन सबके बीच संतुलन बना रहे और आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जिएं।