महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन 'अबाइड विद मी' ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी से हटाई गई 

महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन 'अबाइड विद मी' ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी से हटाई गई 

नई दिल्ली, 1950 से लगातार, बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बजाई जा रही महात्मा गांधी (mahatma gandhi) की पसंदीदा धुन 'अबाइड विद मी' (Abide with Me) धुन को बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी से हटा दिया गया।

गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर इस बार काफी बदलाव किए जा रहे हैं। इस साल से गणतंत्र दिवस समारोह सुभाष चंद्र बोस(subhash chandra bosh) की जयंती यानी 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। बदलावों की कड़ी में एक बदलाव यह भी है कि 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में बजाई जाने वाली धुनों की लिस्ट से इस साल 'अबाइड विद मी' गीत को हटा दिया गया है। 

अमर जवान ज्योति (amar jawan jyoti) को इंडिया गेट (india gate) से हटाए जाने पर हुए विवाद के एक दिन बाद यह बात सामने आई है। भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के जारी किए और मीडिया के साथ साझा किए गए शेड्यूल में यह ईसाई भजन शामिल नहीं है।

2020 में भी हटाया गया था

बता दें कि 'अबाइड विद मी' गीत महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन के तौर पर जाना जाता है। यह धुन साल 1950 से लगातार, बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बजाई जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस धुन को पहली बार सेरेमनी से हटाया जा रहा हो, 2020 में पहली बार इस धुन को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से हटाया गया था, लेकिन इस पर काफी विवाद हुआ, जिसके चलते 2021 में इसे फिर से शामिल कर लिया गया था।

गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी

हर साल 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की जाती है। यह गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक होती है। सूरज डूबने के समय राजपथ पर मिलिट्री बैंड परफॉर्म करते हैं। इसमें भारतीय सेना (indian army) , नेवी और एयरफोर्स(Air force) के बैंड्स हिस्‍सा लेते हैं।

भारतीय गीतों ने भी मिलिट्री बैंड में जगह बनाई

पिछले कुछ सालों में मिलिट्री बैंड में भारतीय गीतों ने भी जगह बनाई है, जबकि पहले बैंड में ज्यादातर ब्रिटिश धुन बजाई जाती थीं। इस साल बजाई जाने वाली धुनों में बाकी मिलिट्री गीतों के अलावा, लता मंगेशकर का गया गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को भी शामिल किया गया है। इसके बाद इकबाल के लिखे गीत  'सारे जहां से अच्छा' को शामिल किया गया है, जिसे समारोह की आखिरी धुन के तौर पर बजाया जाएगा।