राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेज करें: मुख्य सचिव
जयपुर। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने राज्य के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में खाली पडे़ पदों पर जल्द ही नियमानुसार भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि शिक्षा के विस्तार और गुणवत्ता वृद्धि में कृषि विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए विश्वविद्यालयों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता आवश्यक शर्त है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया तेज करें, एसओपी की पालना करें। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के लिए कॉमन पात्रता, सिलेबस, परीक्षा के बिन्दु भी देखने के भी निर्देश दिए।
इस भर्ती प्रक्रिया के सम्बध में शुक्रवार शाम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. एम.एल.जाट ने मुख्य सचिव, राज्य के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं के साथ वी.सी. के माध्यम से बैठक ली। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में प्रक्रियागत पहलू, कानूनी मृद्दों, आईसीएआर और कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सर्कुलरों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव और महानिदेशक ने सभी विश्वविद्यालयों में कुल पद, खाली पद, भर्ती विज्ञापन, वर्तमान स्टेटस, कानूनी पहलुओं की समीक्षा की।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कृषि और किसान के कल्याण के लिए संकल्पित अभिनव प्रयासों और पहलों को साकार करने में कृषि विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए एक तो कृषि शिक्षा का विस्तार हो, दूसरा लैब का ज्ञान कम से कम समय में खेत तक पहुंचे ताकि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार बीज किस्म निर्धारण, मृदा परीक्षण के परिणाम के हिसाब से उवर्रक चयन, कम से कम पानी में सिंचाई पद्धति अपनाकर अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर सकें।
बैठक में कृषि विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल, कृषि आयुक्त सुचिन्मय गोपाल, उद्यानिकी आयुक्त श्रीमती शुभम चौधरी भी उपस्थित रहे।

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