स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी के तहत मुख्य सचिव ने की समीक्षा
जयपुर। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में सचिवालय में शनिवार को राज्य सरकार की स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी 2018 के प्रभावी क्रियान्वयन तथा सरकार से जुड़े मुकदमों के प्रभावी प्रबंधन के संबंध में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जोधपुर से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े प्रतिनिधियों को संबोधित किया।
विद्वान महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्तगण के परामर्श के संबंध में मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च न्यायालय एवं अन्य न्यायालयों के अभिलेखागारों में फाइलों एवं अभिलेखों का सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीकृत रजिस्ट्री सिस्टम का उपयोग किया जाना चाहिये।
उन्होंने न्यायालय में सरकार से जुड़े लंबित प्रकरणों, अनुपालन, निष्पादन कार्यवाहियों, तथा मध्यस्थता से जुड़े विषयों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि इन मुद्दों पर राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान वाद नीति में मध्यस्थता से संबंधित प्रावधानों को और अधिक सशक्त बनाए जाने की जरूरत है। इसके लिए भविष्य में नवीन नीति लाने के संबंध में भी विचार किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्धन कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि नियमित संवाद एवं बैठकों से शासन और विधि क्षेत्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होता है। बैठक के दौरान प्राप्त सुझावों की सराहना करते हुए उन्होंने भविष्य में भी इस प्रकार की निरंतर सहभागिता बनाए रखने की बात कही।
बैठक में महाधिवक्ता, राजस्थान राजेन्द्र प्रसाद, प्रमुख शासन सचिव विधि एवं विधिक कार्य विभाग राघवेंद्र काछवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भास्कर आत्माराम सावंत, शासन सचिव राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग डॉ. जोगा राम, जयपुर पीठ से आये अत्तिरिक्त महाधिवक्ता तथा शासकीय अधिवक्तागण उपस्थित रहे, इसके अत्तिरिक्त जोधपुर पीठ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े अतिरिक्त महाधिवक्तागण मौजूद रहे।

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