मुख्यमंत्री की पहल पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की ओर बड़ा कदम
मात्र तीन दिन में 12 हजार से ज्यादा निरीक्षण, मिशन मोड में दूर करेंगे कमियां: चिकित्सा मंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल पर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर मजबूत एवं मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में 5 से 7 नवम्बर तक प्रदेशभर में चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण अभियान संचालित कर 12 हजार 177 निरीक्षण किए गए।
चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि इन निरीक्षणों के माध्यम से गांव-ढाणी तक चिकित्सा संस्थानों की गहन जांच-पड़ताल की गई है। हमारा प्रयास है कि हर संस्थान मानकों पर खरा उतरे। निरीक्षण में जो भी कमियां पाई गई हैं, उन्हें मिशन मोड में दूर किया जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में इंडियन पब्लिक हैल्थ स्टेण्डर्ड की पालना सुनिश्चित किए जाने की दृष्टि से यह अभियान संचालित किया गया, जिसमें ओपीडी एवं आईपीडी में सेवाओं एवं भवन की स्थिति, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना, आपातकालीन कक्ष, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, स्टाफ के मानदेय, शौचालय एवं साफ-सफाई, वाड्र्स में बैडशीट की स्थिति सहित विभिन्न बिंदुओं के आधार पर गहन निरीक्षण किया गया है। सभी चिकित्सा संस्थानों में इण्डियन पब्लिक हैल्थ स्टेण्डर्ड पूरे करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान 6500 चिकित्सा संस्थानों में आईपीएचएस नाॅम्र्स के अनुसार गैप री-असेसमेंट पूरा किया गया।
इन चिकित्सा संस्थानों का हुआ निरीक्षण
श्रीमती राठौड़ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान 1 मेडिकल काॅलेज अस्पताल, 31 जिला अस्पताल, 109 उप जिला अस्पताल, 14 सेटेलाइट अस्पताल, 816 सीएचसी, 2622 पीएचसी और 8581 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का निरीक्षण किया गया। राज्य स्तरीय, जोन स्तरीय, जिला एवं ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी इन निरीक्षणों में भाग लिया।
98 प्रतिशत संस्थानों में ओपीडी सेवाएं बेहतर, 88 प्रतिशत में निःशुल्क दवा योजना का सुचारू संचालन
निरीक्षण के दौरान 98 प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी में स्वास्थ्य सेवाएं मानकों के अनुरूप पाई गईं। इसी प्रकार 76 प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों के भवनों की स्थिति ठीक पाई गई। साथ ही, 87 प्रतिशत संस्थानों में मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना, 88 प्रतिशत संस्थानों में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का संचालन बेहतर पाया गया।
साफ-सफाई, आपातकालीन कक्ष एवं शौचालयों की स्थिति में जल्द किया जाएगा सुधार
संस्थान के अंदर एवं बाहर ज्यादातर संस्थानों में साफ-सफाई की स्थिति संतोषजनक पाई गई है। आपातकालीन कक्षों, शौचालयों, वार्ड में बैडशीट एवं स्टाफ के मानदेय की स्थिति में सुधार की आवश्यकता व्यक्त की गई है। इस दिशा में जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत अक्टूबर माह तक 95,727 रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे 392 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता का उत्पादन हो रहा है।
आत्मनिर्भरता की ओर निर्णायक कदम
राजस्थान का ऊर्जा तंत्र अब केवल वितरण तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा उत्पादन, वितरण तंत्र का आधुनिकीकरण और किसानों के हित में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश आने वाले वर्षों में स्वच्छ, सतत और सशक्त ऊर्जा राज्य के रूप में उभरेगा।
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