आभासी डिजिटल मुद्राओं पर RBI के परिपत्र के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची एक और कंपनी

नई दिल्ली
बिटकॉइन जैसी कूट डिजिटल मुद्राओं के कारोबार से जुड़ी एक कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक के उस परिपत्र को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें आरबीआई ने बैंक और वित्तीय संस्थानों को ऐसी मुद्राओं के कारोबार से जुड़ी कंपनियों को सेवाएं देने से रोक दिया गया है।

फ्लिंटस्टोन टेक्नोलाजीज प्रा.लि. की याचिका को कल न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। पीठ ने निर्देश दिया है कि इसे ऐसे ही एक मामले की सुनवाई कर रही पीठ के सामने ले जाया जाए। याचिका में आरबीआई के 6 अप्रैल के परिपत्र को मनमाना, अनुचित और असंवैधानिक ठहराते हुए इसे वापस लेने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को गुजरात की कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र, आरबीआई और जीएसटी परिषद से जवाब मांगा है।

क्या है डिजिटल मुद्रा
डिजिटल मुद्राएं वह हैं जो केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी नहीं की जाती हैं। ये मुद्राएं हालांकि लोगों द्वारा दुनिया भर में सामान और सेवाओं के भुगतान के लिए स्वीकार की जा रही हैं। डिजिटल मुद्रा का लेनदेन इंटरनेट पर होता है। डिजिटल वॉलेट एक तरह का अकाउंट है जिसमे आप अपनी डिजिटल मुद्रा रखते हैं। इस प्रक्रिया में हमें बैंक के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी (मुद्रा) भी कहा जाता है। लाइटकोइन, जैकैश, एथ्यूरम, बिटकॉइन आदि सभी डिजिटल मुद्राओं का उदाहरण हैं जिनमें से बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है।