हिंदुओं को मिलेगा ज्ञानवापी परिसर?, मुसलमानों के प्रवेश पर लगेगी रोक?, फैसला 14 को   

हिंदुओं को मिलेगा ज्ञानवापी परिसर?, मुसलमानों के प्रवेश पर लगेगी रोक?, फैसला 14 को   

वाराणसी, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, पूरा ज्ञानवापी का परिसर हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले आदि विश्‍वेश्‍वर महादेव के कथित शिवलिंग की पूजा-अर्चना की मांग पर सुनवाई टल गई है। हालांकि, इस मामले में दाखिल प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में सुनवाई के लिए दोनों पक्ष तैयारी में जुटे रहे। अब अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। उस दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट हिंदू पक्ष की तीन मुख्य मांगों पर फैसला सुनाएंगे। इनमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की प्रार्थना तत्काल शुरू करने, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने और ज्ञानवापी परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति शामिल है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस पूरे हिस्से को संरक्षित कर दिया गया 
इससे पहले वाराणसी की अदालत ने कथित 'शिवलिंग' की 'वैज्ञानिक जांच' की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद हिंदू पक्ष ने उस ढांचे की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसके बारे में दावा है कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाना के अंदर पाया गया शिवलिंग है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक 'फव्वारा' है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस पूरे हिस्से को संरक्षित कर दिया गया है।

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कार्बन डेटिंग की मांग खारिज करने के आदेश को SC में चुनौती देगा हिंदू पक्ष
हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने तब कहा था कि कोर्ट ने कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया है। हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वहां इसे चुनौती देंगे। हिंदू पक्ष के एक अन्य वकील मदन मोहन यादव ने कहा था, हालांकि कोर्ट ने कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया है, लेकिन हाईकोर्ट जाने का विकल्प उपलब्ध है और हिंदू पक्ष उच्च न्यायालय के समक्ष भी बात रखेगा।

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मुस्लिम पक्ष ने बात रखी थी कि ज्ञानवापी परिसर की संपत्ति वक्फ की है

मुस्लिम पक्ष ने पिछली सुनवाई में अदालत में यह बात रखी थी कि ज्ञानवापी परिसर की संपत्ति वक्फ की है। उधर, किरन सिंह की तरफ से मानबहादुर सिंह, शिवम गौड़ और अनुपम द्विवेदी ने कहा है कि वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस संबंध में अन्जुमन इन्तजामिया की तरफ से जो भी प्रश्न उठाया गया है, वह साक्ष्य व ट्रायल का विषय है। ट्रायल का अधिकार सिविल कोर्ट को है। ज्ञानवापी की गुम्बद छोड़कर सारी चीज मंदिर की है। जब ट्रायल होगा तभी पता चलेगा कि वह मस्जिद है या मंदिर।

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