मुख्य आयुक्त के निर्देशों पर वाणिज्यिक कर विभाग की बड़ी कार्यवाही
जयपुर। मुख्य आयुक्त राज्य कर कुमार पाल गौतम के परिवहन जांच संबंधी निर्देशों पर वाणिज्यिक कर विभाग की स्टेट जीएसटी प्रवर्तन शाखा ने बड़ी कार्यवाही करते हुए लगभग 15 दिनों तक गोपनीय तरीके से राष्ट्रीय राजमार्गों पर संचालित होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर यात्री के रूप में ठहरकर कर चोरी में संलग्न वाहनों के बारे में मानवीय आसूचना एकत्र की। इसके साथ ही मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया।
कुमार पाल गौतम ने बताया कि जीएसटी पोर्टल और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर यह कार्रवाई की गई जिसके परिणामस्वरूप मार्बल एवं ग्रेनाइट, लैड स्क्रेप, परचून, ब्रास मेटल और सुपारी से लदे हुए कुल 14 वाहनों को विधिवत निरूद्ध किया गया। इन वाहनों में जिन फर्मों के बिल लगाए गए थे, वे सभी विभागीय जांच में अस्तित्वहीन और बोगस पाई गईं।
उन्होंने आगे बताया कि परचून के नाम पर ब्रास मेटल स्क्रेप बिना विधिक दस्तावेजों के दिल्ली से गुजरात भेजा जा रहा था। इसी प्रकार कर्नाटक से सुपारी के दस्तावेजों के आधार पर नागपुर भेजे जाने की योजना थी लेकिन सुपारी से लदा वाहन नागपुर की बजाय दिल्ली की ओर जा रहा था जिसे सवाईमाधोपुर के निकट विभाग की टीम ने निरूद्ध किया।
विभाग द्वारा इन सभी प्रकरणों में गहनता से विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन संगठित गिरोहों द्वारा बिना उचित विधिक दस्तावेजों और बिना कर चुकाए मूल्यवान माल का परिवहन कर राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
अब विभाग द्वारा जब्त किए गए वाहनों में लदे माल का भौतिक सत्यापन और मूल्यांकन किया जाएगा और नियमानुसार कर एवं शास्ति वसूली जाएगी। कुमार पाल गौतम के निर्देशों के तहत आगे भी इंटेलीजेंस आधारित परिवहन जांच कार्यवाही जारी रहेगी।
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