केंद्र सरकार ने बढ़ाई खरीफ की 14 फसलों की MSP, जानें क्या हुआ नया रेट

केंद्र सरकार ने बढ़ाई खरीफ की 14 फसलों की MSP, जानें क्या हुआ नया रेट

नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न खरीफ (गर्मी) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी है। इससे फसल वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ फसलों का एमएसपी अब बढ़ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। किसानों को इससे काफी फायदा होगा। मीडिया से बात करते हुए ठाकुर ने कहा, ''आज की कैबिनेट बैठक में 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी गई।''

धान की एमएसपी 100 रुपये बढ़ी
धान की सामान्य ग्रेड किस्म के लिए एमएसपी को पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं, धान की 'ए' ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। खरीफ की प्रमुख फसल धान होती है, जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि 2022 का दक्षिण-पश्चिम मानसून दीर्घकालिक औसत के 99% पर सामान्य रहेगा।

तीन वर्षों में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में औसतन 2.8% की वृद्धि 
पिछले तीन वर्षों में सामान्य से अच्छे मानसून के चलते खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में औसतन 2.8% की वृद्धि हुई है और इसके परिणामस्वरूप खरीफ उत्पादन में 2.5% की वृद्धि हो सकती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पिछले आठ वर्षों के दौरान शुरू किए गए कई कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।

बढ़ेगी किसानों की आय
इससे पहले एक विदेशी ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीफ कृषि आय में लगातार दूसरे वर्ष मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर उर्वरक और फीड की कीमतें बढ़ने से खरीफ कृषि लागत में और वृद्धि होने की उम्मीद है। पिछले महीने, सरकार ने जोर देकर कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता अनुमानित मांग से अधिक है। साथ ही सरकार ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के लिए ऊर्वरक पर सब्सिडी बढ़कर लगभग 2.5 लाख करोड़ हो सकती है, ताकि किसानों को अत्यधिक रियायती दरों पर खाद मिल सके।