अयोध्या: योगी का ऐलान-संतों में खुशी कम, गुस्सा ज्यादा

अयोध्या: योगी का ऐलान-संतों में खुशी कम, गुस्सा ज्यादा

 
अयोध्या 

छोटी दिवाली पर यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया. इस कदम का संतों ने स्वागत किया लेकिन राम मंदिर पर कोई ऐलान न करने पर नाराजगी जाहिर की है. संतों का कहना है योगी राम मंदिर पर कुछ नहीं बोले जिसका करोड़ों हिंदू इंतजार कर रहे थे. संत परमहंस ने तो चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 6 दिसंबर तक राम मंदिर निर्माण के संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ तो खुद को आग लगाकर जीवन का बलिदान दे देंगे.  


योगी ने कहा था कि दिवाली पर खुशखबरी देंगे

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले की सुनवाई टलने के बाद संतों की नाराजगी को देखते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने कहा था कि दिवाली पर अयोध्या में खुशखबरी लेकर जा रहे हैं. दिल्ली में आयोजित संतों के सम्मेलन के संबंध में उन्होंने कहा था कि दिल्ली में नहीं अयोध्या चलिए वहां खबर लेकर आ रहा हूं.

इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि योगी वहां पर क्या घोषणा करने वाले हैं. ऐसा बताया गया कि सरयू के किनारे 151 मीटर ऊंची तांबे की मूर्ति बनाई जाएगी. लेकिन योगी ने खुद यह बयान नहीं दिया. हां संत समाज की प्रतिक्रिया जरूर आ गई कि हम भव्य राम मंदिर का इंतजार कर रहे हैं मूर्ति का नहीं.

मंदिर का निर्माण करो के लग रहे  थे नारे

लोगों की निगाहें मंगलवार को अयोध्या पर लगी थीं. ऐसा माना जा रहा था कि योगी जरूर  कोई ऐसी घोषणा करेंगे जिससे राम मंदिर की राह आसान होगी या उससे जुड़ी होगी. उनके मंच पर पहुंचने से पहले ही नारे लगने लगे कि योगी जी 'मंदिर का निर्माण' करो.

योगी ने जब अपना भाषण चालू किया तो नारों की आवाज और तेज हो गई. सीएम ने सभी गणमान्यों का स्वागत किया, इसके बाद अयोध्या पर बोले, उन्होंने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने की बात कही, मेडिकल कॉलेज का नाम दशरथ के नाम पर करने को कहा, एयरपोर्ट का नाम राम के नाम पर करने की बात की, अयोध्या के विकास की बात करते रहे लेकिन राम मंदिर पर एक शब्द नहीं बोले.

जनसमूह को बार-बार लगता रहा कि अब कुछ महत्वपूर्ण घोषणा होने वाला है. बीच-बीच में नारों की आवाज भी तेज और कम होती रही लेकिन लोगों को निराशा ही हाथ लगी. योगी ने एक झटके में अपना भाषण खत्म कर दिया और जाकर कुर्सी पर बैठ गए.

संतों के धैर्य का बांध टूटा

किसी बड़ी घोषणा का इंतजार कर रहे संत-महंत इससे बिफर गए. राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने कहा कि 'फैजाबाद का नाम अयोध्या करने के योगी के फैसले का हम स्वागत करते हैं. लेकिन हमारी अपेक्षा थी कि वो हमें बताते कि राम मंदिर के लिए संसद में कब अध्यादेश लाया जा रहा है. केंद्र सरकार को कुछ करना चाहिए जिससे भगवान राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनाया जा सके'.

खुद को आग लगा लूंगा - महंत परमहंस

इसी तरह महंत परमहंस ने कहा कि 'यह अच्छा है कि फैजाबाद का नाम बदल गया लेकिन राम मंदिर के वादे के बारे में क्या हुआ जिसके सहारे भाजपा सत्ता में आई थी. सीएम ने अपने भाषण में इसका जिक्र तक नहीं किया. अगर 6 दिसंबर तक मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा नहीं हुई तो मैं खुद को आग लगाकर जीवन लीला समाप्त कर लूंगा'.   

 भाजपा सरकार से उम्मीदें

अखिल भारतीय संत समिति के राज्य अध्यक्ष महंत गौरी शंकर दास ने कहा कि 'अयोध्या को एक एयरपोर्ट और एक मेडिकल कॉलेज मिलना अच्छा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के वादे का क्या हुआ'. उन्होंने आगे बताया कि संतों की एक बड़ी सभा हुई थी. इसमें मांग की गई थी कानून बनाकर मंदिर का निर्माण किया जाए, क्योंकि हम ऐसा मानते हैं कि भाजपा सरकार ही ऐसा कर सकती है.

अमित शाह से मिलेंगे संत

सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर 16 दिसंबर के बाद संत समाज के लोग भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलेंगे. उनसे मांग की जाएगी कि संसद में कानून बनाकर मंदिर का निर्माण किया जाए. योगी के पूरे भाषण के दौरान भीड़ की तरफ से यह आवाज उठती रही कि मंदिर का निर्माण करो. लेकिन योगी अपने पूरे भाषण में यह विश्वास दिलाते रहे कि अयोध्या के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और सरकार पूरे अयोध्या के विकास के लिए प्रतिबद्द है.

योगी ने 3 प्रमुख घोषणाएं कीं

योगी ने ऐलान किया कि अब फैजाबाद का नाम अयोध्या होगा. यहां पर जो मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है उसका नाम राजा दशरथ के नाम पर रखा जाएगा. तीसरा अयोध्या में बनने वाले एयरपोर्ट का नाम भगवान के नाम पर होगा. उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में विकास के कई काम कराए गए हैं और अब कोई भी अयोध्या के साथ अन्याय नहीं कर सकता.