धान खरीदी केंद्रों पर राज्य शासन की व्यवस्थाओं से किसानों के चेहरे खिले
रायपुर, जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड में धान खरीदी केंद्रों पर राज्य शासन की व्यवस्थाएं किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रही हैं। ग्राम दड़गांव के किसान गांधी भगत ने 182 क्विंटल धान बेचकर केंद्र की सुव्यवस्थित प्रक्रिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। विष्णुदेव साय सरकार की डिजिटल पहल ‘टोकन तुंहर हाथ ऐप‘ से अब किसान घर बैठे टोकन कटा रहे हैं और सीधे केंद्र पहुंचकर धान की बिक्री कर रहे हैं।
किसान गांधी भगत ने बताया कि टोकन कटाने की प्रक्रिया बेहद सरल रही। खरीदी केंद्र पर साफ-सुथरे बारदाने, समयबद्ध तौल और कर्मचारियों का सहयोग मिला। पहले लंबी लाइनों और बार-बार चक्कर लगाने की मजबूरी थी, लेकिन अब सब कुछ तय समय पर हो रहा है। इससे किसानों का समय और मेहनत दोनों बच रही है। किसान गांधी भगत ने कहा कि शासन की इस व्यवस्था से धान बेचना आसान हो गया है और सही मूल्य समय पर मिल रहा है।
भगत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की किसान-केंद्रित नीतियां धरातल पर उतर रही हैं। धान खरीदी केंद्रों में हर व्यवस्था किसानों के हित में की गई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। यह पहल न केवल बिचौलियों को हाशिए पर धकेल रही है, बल्कि किसानों को पारदर्शी बाजार उपलब्ध करा रही है।
किसान क्रेडिट कार्ड: साहूकारों से आजादी, खेती में बिना रुकावट पूंजी
किसान भगत गांधी अपने पिता लहरू राम भगत के नाम से बने किसान क्रेडिट कार्ड सेे खाद, बीज और अन्य कृषि सामग्री आसानी से खरीद लेते हैं, जिससे खेती की तैयारी में कोई कमी नहीं रहती। राज्य शासन द्वारा लागू यह योजना सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराती है, जिससे किसान साहूकारों की मार से मुक्त हो रहे हैं। केसीसी से खेती मजबूत हो रही है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है। विष्णुदेव साय सरकार की इन पहलों से छत्तीसगढ़ के लाखों किसान सशक्त हो रहे हैं। धान खरीदी सत्र में ऐसी व्यवस्थाओं से राज्य का खरीफ उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।

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