प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 में ऊर्जा क्षेत्र के लिए विशेष सत्र का आयोजन

प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 में ऊर्जा क्षेत्र के लिए विशेष सत्र का आयोजन

सत्र में रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की बढ़ती भूमिका पर होगी चर्चा

जयपुर। रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के मामले में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में है और इस क्षेत्र में यहां बड़े स्तर पर निवेश भी आ रहा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर जयपुर में आगामी 10 दिसम्बर को होने जा रहे  प्रवासी राजस्थानी दिवस—2025 में ऊर्जा क्षेत्र पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा।

पॉलिसी टू प्रैक्टिस — 'द इवोल्विंग रोल ऑफ बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) इन रिन्यूएबल एनर्जी (RE ) इंटीग्रेशन' विषय पर आयोजित इस सत्र में रिन्यूएबल एनर्जी में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की बढ़ती भूमिका और बदलावों पर विचार - विमर्श किया जाएगा। राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है और भारत क्लीन एनर्जी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बदलते समय के अनुरूप सरकारी नीतियों, प्रौद्योगिकी और उद्योग के बीच सामंजस्य आवश्यक है।

इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए विशेष सत्र में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट और इनोवेशन पर रिन्यू पावर लिमिटेड के चेयरमैन सुमंत सिन्हा, सेरेनटिका रिन्यूएबल्स के सीईओ अक्षय हीरानंदानी और ब्रुकफील्ड रिन्यूएबल्स के सीईओ सुमन कुमार अपने विचार व्यक्त करेंगे। इन विशेषज्ञों ने रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने और आधुनिक तकनीक को इसके साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

इसी सत्र में भारत में ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख नियामक और राजकीय संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। इनमें इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के सीएमडी प्रदीप कुमार दास, पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) के सीएमडी आर.के. त्यागी और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (CEA) इंडिया के चेयरमैन घनश्याम प्रसाद शामिल हैं। इनके साथ ही टाटा पावर के एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा और इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के डायरेक्टर जनरल आशीष खन्ना भी चर्चा में शामिल होंगे।

प्रवासी राजस्थानी दिवस के इस विशेष सत्र के दौरान होने वाली चर्चा ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसरों और चुनौतियों को सामने लाएगी और विशेषज्ञों का अनुभव इस क्षेत्र में भविष्य की रणनीति बनाने में सहायता करेगा।