सौर सुजला योजना से किसानों को हुई अतिरिक्त आय

सौर सुजला योजना से किसानों को हुई अतिरिक्त आय

रायपुर, छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना खेती में ऊर्जा की बाधा दूर कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रही है। सूर्य ऊर्जा आधारित सिंचाई पंपों की स्थापना से किसानों को अब निर्बाध सिंचाई सुविधा मिल रही है, जिससे खेती का रकबा बढ़ा है और किसानों की आमदनी में लगातार वृद्धि हो रही है।

वर्ष 2016-17 से प्रारंभ इस योजना के अंतर्गत सरगुजा जिले के 8893 किसानों को अब तक सौर पंपों का लाभ प्राप्त हुआ है। इन पंपों से किसानों की बिजली पर निर्भरता समाप्त हुई है, लागत घटी है और उत्पादन क्षमता बढ़ी है। उप संचालक कृषि पीताम्बर सिंह दीवान ने बताया कि सौर पंप मिलने से वर्षभर सिंचाई संभव हो पाई है, जिससे द्विफसली और बहुफसली खेती का दायरा बढ़ा है।

सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास कम से कम 1 एकड़ भूमि होना आवश्यक है। इच्छुक किसान बी-1, खसरा, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, दो पासपोर्ट फोटो, जल स्त्रोत का फोटो, सरपंच की अनापत्ति प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र सहित अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

किसानों के लिए 2 एचपी, 3 एचपी और 5 एचपी क्षमता के सौर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिन पर वर्गवार अंशदान निर्धारित है। 2 एचपी पंप पर अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति किसानों का अंशदान 5000 रुपए, अन्य पिछड़ा वर्ग का 9000 रुपए और सामान्य वर्ग का 16000 रुपए है। 3 एचपी पंप पर अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति ₹7000, अन्य पिछड़ा वर्ग ₹ 12000 और सामान्य वर्ग 18000 रुपए, वहीं 5 एचपी पंप पर अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति 10000, अन्य पिछड़ा वर्ग 15000 और सामान्य वर्ग 20000 रुपए अंशदान देय है। इसके अतिरिक्त 4800 रुपए प्रोसेसिंग शुल्क जमा करना होता है।

लखनपुर विकासखण्ड के ग्राम ईरगंवा निवासी कृषक लबेद सिंह ने बताया कि पहले वे अपनी 2.665 हेक्टेयर भूमि में केवल धान की खेती कर पाते थे, लेकिन सौर पंप लगवाने के बाद अब वे धान के साथ दलहन, तिलहन, सब्जियां, फलदार वृक्ष और फूलों की खेती भी कर रहे हैं। साथ ही मछली पालन से उनकी आय में और वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सौर सुजला योजना से उनका कृषि व्यवसाय मजबूत हुआ है और वे शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

सौर सुजला योजना की निरंतर प्रगति से सरगुजा सहित प्रदेश के अन्य जिलों में कृषि उत्पादन, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा और दिशा मिल रही है।