9 विकेट से भारत ने विंडीज को हराया, 3-1 से सीरीज पर कब्जा

9 विकेट से भारत ने विंडीज को हराया, 3-1 से सीरीज पर कब्जा

तिरुवनंतपुरम
वनडे सीरीज के 5वें और अंतिम मैच में टीम इंडिया ने 9 विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज पर 3-1 से कब्जा जमा लिया है। 105 रन के साधारण लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने रोहित शर्मा (63*) की फिफ्टी और कप्तान विराट कोहली (33*) की पारियों की बदौलत आसानी से यह टारगेट महज 14.5 ओवर में ही अपने नाम कर लिया। इससे पहले भारतीय गेंदबाजों की घातक बोलिंग के चलते विंडीज टीम कहीं टिक नहीं सकी और उसकी पूरी टीम 104 रन पर ढेर हो गई। जडेजा (4/34) को उनकी उम्दा बोलिंग के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। सीरीज में 453 रन बनाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। उन्होंने इस सीरीज में कुल 3 सेंचुरी लगाई।

105 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के लिए शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी ने पारी की शुरुआत की, लेकिन धवन (6) जल्दी ही पवलियन लौट गए। इसके बाद कप्तान विराट कोहली मैदान पर आए और उन्होंने रोहित शर्मा के साथ मिलकर बाकी के काम बखूबी अंजाम दे दिया। वनडे क्रिकेट में बॉल शेष रहने के लिहाज से यह टीम इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी जीत है। अभी भारत की पारी में 211 गेंदे फेंकी जानी शेष थी और भारत ने यह मैच अपने नाम कर लिया।

अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान रोहित भाग्यशाली रहे कि उन्हें दो-दो मौके मिले। पहली बार जैसन होल्डर ने रोहित का स्लिप पर कैच छोड़ा और इसके बाद एक मौके पर ओशाने थॉमस ने रोहित का विकेटकीपर शैइ होप के हाथों कैच जरूर करा दिया, लेकिन यह गेंद नो बॉल थी। इसके बाद रोहित ने मेहमान टीम के लिए कहीं कोई मौका नहीं छोड़ा। रोहित ने 56 बॉल में नाबाद 63 रन की पारी खेली और इस दौरान उन्होंने 5 चौके और 4 छक्के जड़े। इसके अलावा दूसरे छोर से कप्तान विराट कोहली ने 29 बॉल में नाबाद 33 रन बनाए। विराट ने अपनी इस पारी में 6 चौके जमाए।

विंडीज की पारी
इससे पहले इस मैच में टॉस जीतकर मेहमान वेस्ट इंडीज की टीम ने पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय उसके पक्ष में नहीं दिखा और उसकी पूरी टीम 31.5 ओवर में सिर्फ 104 रन ही बना सकी। वनडे क्रिकेट में भारत के खिलाफ यह विंडीज टीम का सबसे न्यूनतम स्कोर है। भारत की ओर से रविंद्र जडेजा (4/34) ने सर्वाधिक चार विकेट अपने नाम किए। जडेजा के अलावा जसप्रीत बुमराह और खलील अहमद ने 2-2, जबकि कुलदीप और भुवनेश्वर कुमार ने 1-1 विकेट अपने नाम किया। भारतीय बोलरों ने वेस्ट इंडीज की इस पारी को समेटन के लिए महज 31.5 ओवर ही लिए। मेहमान टीम के लिए कप्तान जेसन होल्डर (25), रोवमैन पॉवेल (16) और मार्लोन सैमुअल्स (24) ही दहाई के अंक को छू पाए।

इस मैच में सिक्का भले ही विंडीज टीम के पक्ष में गिरा था, लेकिन इसके बाद उसके लिए कुछ सही नहीं घटा। विंडीज की पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। इस मैच में विंडीज टीम के बल्लेबाज उसे अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए और पहले 2 ओवर के खेल में उसके दो बल्लेबाज (कायरन पॉवेल और शैइ होप) बिना खाता खोले पविलियन लौट गए।

इसके बाद मार्लोन सैमुअल्स (24) ने टीम को संकट से उबारने की कोशिश की। लेकिन रविंद्र जडेजा ने उन्हें कोहली के हाथों कैच आउट कराकर पविलियन भेज दिया। इसके बाद क्रीज पर हेटमेयर आए लेकिन वह भी LBW के रूप में जड्डू का दूसरा शिकार बन गए। हालांकि जडेजा की विश्वास भरी अपील को अंपायर ने नकार दिया था। जडेजा का विश्वास देखकर कोहली ने DRS ले लिया। नतीजा भारत के पक्ष में गया और विंडीज टीम को चौथा झटका लग चुका था।

अपने 4 विकेट गंवा चुकी विंडीज टीम अभी दबाव से उबरने की कोशिश ही कर रही थी कि इस बार युवा तेज गेंदबाज खलील अहमद ने हमला बोल दिया और उसके दूसरे ओपनिंग बल्लेबाज रोवमैन पॉवेल (16) को अपनी शॉर्ट बॉल से मिडविकेट पर खड़े शिखर धवन के हाथों कैच करा दिया। अगले 9 रन जोड़ने तक फैबियन एलेन (4) भी कप्तान होल्डर का साथ छोड़ गए। उन्हें बुमराह ने अपना दूसरा शिकार बनाया। इसके बाद मुंबई में विंडीज टीम की ओर से फिफ्टी जड़ने वाले होल्डर (25) यहां भी टीम को संकट से उबारने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन खलील की गेंद पर वह केदार जाधव को आसान सा कैच देकर आउट हो गए। होल्डर के रूप में यह मेहमान टीम को 87 के स्कोर पर यह 7वां झटका था।

इसके बाद भारत ने विंडीज टीम के अगले 17 रन जोड़ने तक अगले 3 विकेट भी झटक लिए और उसे 104 रन के साधारण स्कोर पर ऑल आउट कर दिया। 8वें विकेट के रूप में कुलदीप यादव ने कीमो पॉल का विकेट लिया। अंतिम 2 विकेट रविंद्र जडेजा ने अपने खाते में डाले और इस तरह 9.5 ओवर में 34 देकर उन्होंने सबसे ज्यादा 4 विकेट अपने नाम किए।