मंदिर में सांई की मूर्ति देख भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बोले-राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम

मंदिर में सांई की मूर्ति देख भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बोले-राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम

छिंदवाड़ा, द्वारका पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद गुरुवार को छिंदवाड़ा आए थे। वे यहां छोटी बाजार स्थित बड़ी माता मंदिर और श्रीराम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। इसी दौरान मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा को देख बिगड़ गए। उन्होंने एक शिष्य को लताड़ भी लगाई। उन्होंने मंदिर में दर्शन के बाद पूछा कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम है?

इसे भी देखें

अब छात्रों को 4000 रुपए महीना किराया देगी मप्र सरकार, जानिए कैसे और किसे मिलेगा लाभ

वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने पंहुचे थे
शंकराचार्य स्वारूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने पंहुचे थे। शिष्यों के निवेदन पर वे शहर के छोटी बाजार में बने श्री राम मंदिर और बड़ी माता मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे। राम मंदिर प्रांगण में लगी साईं बाबा की टाइल्स को देखकर स्वामी अविमुक्तेश्वानंद जी महाराज भड़क गए और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राम मंदिर में साईं प्रधान हैं या श्री राम जी प्रधान हैं। इसके बाद वह तुरंत मंदिर प्रांगण से बाहर आ गए। वहीं, नजदीक स्थित माता मंदिर में भी साईं की मूर्ति लगी देखकर वह पुजारी राजा तिवारी से नाराज हो गए और कहने लगे कि जब भगवती हैं, तो इनकी क्या जरूरत है।

इसे भी देखें

...और जफर शेख ने की घर वापसी, बने चैतन्यसिंह राजपूत

मंदिर समिति के आग्रह पर पहुंचे थे
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बड़ी माता मंदिर का गर्भगृह स्थानांतरित करने के लिए मंदिर समिति के आग्रह पर पहुंचे थे। मंदिर में निर्माण कार्य जारी है, जिसके चलते मंदिर समिति ने स्वामीजी को गर्भगृह स्थानांतरित करने के लिए आमंत्रित किया था। जब उन्होंने मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा देखी तो वह नाराज होकर चले गए। उन्होंने गुस्से में मंदिर समिति के सदस्यों से बात तक नहीं की।

इसे भी देखें

कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है मप्र सरकार, आज से करें आवेदन, जानें पूरी प्रक्रिया

शिष्य को लताड़ा, कहा-तुमने विश्वास को तोड़ा
स्वामी जी को जो शिष्य बड़ी माता मंदिर ले गया था, उसे उन्होंने सभी के सामने लताड़ता। स्वामी जी ने शिष्य पर विश्वास तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने तुम पर विश्वास किया, हमारा संकल्प है कि जिस मंदिर में साईं है, वहां हम नहीं जाएंगे। फिर भी तुमने विश्वास को तोड़ा। हमें ऐसे मंदिर में ले गए, अब दोबारा हमारे सामने मत आना। तुमने हमें धोखा दिया है।

इसे भी देखें

50 हजार किसानों को 60% अनुदान पर सोलर पंप देगी मप्र सरकार, जानिए पूरी प्रक्रिया

हमारे मंदिरों में साईं का क्या काम
स्वामी अविमुक्तेश्वानंद जी महाराज ने कहा, ''हम बड़ी प्रसन्नता से दर्शन करने पंहुचे थे लेकिन राम मंदिर और माता मंदिर, दोनों जगह जो हमने देखा उससे पता चलता है कि छिंदवाड़ा के हिंदुओं का खून विकृत हो गया है। दोनों जगह पर साईं की मूर्ति है। हमारे मंदिरों में उनका क्या काम है, और यदि साईं की पूजा करनी है तो राम और कृष्ण का क्या काम है? लेकिन यदि ये घालमेल है तो दूर से ही प्रणाम है. आगे से कभी भी हम छिंदवाड़ा में इन मंदिरों में प्रवेश नही करेंगे। बड़ी खुशी से हम आये थे और अब दुःखी होकर जा रहे हैं।''

राम मंदिर से टाइल्स हटाई गईं
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के साईं बाबा की प्रतिमा पर विरोध दर्ज करने के बाद राम मंदिर से साईं बाबा की टाइल्स हटा दी गई है। वहीं माता मंदिर से सांई बाबा के आर्टिफिशियल मंदिर को हटाने पर चर्चा के लिए मंदिर समिति की विशेष बैठक बुलाई गई है। बड़ी माता मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष सोनी का कहना है कि वह सनातन धर्म के साथ हैं। भूलवश, यदि यहां साईं बाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी है, तो हम सहमति से निर्णय लेंगे।

कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि हैं। उन्होंने काशी में मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया था। वहीं, छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने के विरोध में हजारों लोगों के साथ रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था।