नीति आयोग की सुपर–60 PVTG कार्यशाला में सरगुजा जिले का उत्कृष्ट प्रदर्शन
रायपुर, भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं झारखंड सरकार के सहयोग से रांची (झारखंड) में 7 एवं 8 नवम्बर 2025 को सुपर–60 PVTG ब्लॉकों पर आधारित दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, आजीविका एवं सेवा प्रदाय के संकेतकों में सुधार को बढ़ावा देना था।
इस कार्यशाला में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ तथा जिला प्रतिनिधि शामिल हुए। छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से सरगुजा जिले के आकांक्षी ब्लॉक लखनपुर का प्रतिनिधित्व जिला पंचायत सरगुजा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय अग्रवाल ने किया।
अग्रवाल ने कार्यशाला में लखनपुर ब्लॉक में पहाड़ी कोरवा समुदाय के समग्र विकास के लिए किए जा रहे नवाचारों, सेवा वितरण के बेहतर मॉडल एवं उपलब्धियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, आजीविका एवं सामाजिक सशक्तिकरण के विभिन्न संकेतकों में लखनपुर ब्लॉक ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। ब्लॉक स्तर पर योजनाओं की सेवा-संतृप्ति सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक लाभार्थी तक शासन की योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं।
कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर नीति आयोग द्वारा लखनपुर ब्लॉक को 1 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इस राशि के उपयोग के लिए जिला प्रशासन द्वारा नीति आयोग को चार प्रमुख विकासात्मक प्रस्ताव भेजे गए हैं, जिसमें
1 आकांक्षी ब्लॉक लखनपुर के 10 सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन।
2 विद्यालयों को “आकांक्षालय” के रूप में विकसित करने हेतु नवीनीकरण कार्य।
3 “पशु सखी” उद्यमिता मॉडल के माध्यम से बकरी पालन विस्तार और क्षमता निर्माण।
4 मत्स्य पालन को आय-सृजन एवं सतत आजीविका के रूप में बढ़ावा देना।
इसके साथ ही पशु सखी सेवा केंद्र, कृषि सेवा केंद्र, स्वस्थ लइका–पोषित लइका कार्यक्रम, आकांक्षी आंगनवाड़ी केंद्र तथा उड़ान (CWSN) केंद्र जैसी नवाचारपरक पहलें भी नीति आयोग को प्रस्तावित की गई हैं, जिनके अनुमोदन उपरांत शीघ्र क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाएगा।
कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने PVTG बसाहटों का फील्ड भ्रमण किया, जहां बिरहोर जनजाति के ग्रामों में समुदाय की जीवनशैली, आजीविका, संस्कृति और सामाजिक ढांचे का प्रत्यक्ष अवलोकन किया गया। प्रतिभागियों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया तथा स्थानीय चुनौतियों और प्रगति का मूल्यांकन किया।
इस अवसर पर जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड से आए पद्मजागेश्वर यादव ने बिरहोर जनजाति के सशक्तिकरण हेतु अपने क्षेत्र में किए गए प्रयासों और व्यवहारिक अनुभवों को साझा किया।
कार्यशाला के समापन सत्र में “Sampoornta Abhiyan 2.0” का रोडमैप प्रस्तुत किया गया तथा “Super–60 Declaration” को औपचारिक रूप से अनुमोदित किया गया। यह क्षेत्रीय कार्यशाला राज्यों के बीच सहयोग, अनुभव-साझाकरण और PVTG समुदायों तक सरकारी सेवाओं की प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।
इस पहल से सुपर–60 ब्लॉकों में विकास कार्यों की गति और प्रभावशीलता को नया आयाम मिलेगा तथा विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा।
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