'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर क्या करेंगे नीतीश कुमार?

'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर क्या करेंगे नीतीश कुमार?

पटना 
एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर दिल्ली में सर्वदलीय बैठक होने जा रही है इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे. इस मसले पर कांग्रेस जहां विरोध के अपने पुराने रुख पर कायम है वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस पर सोच-विचार के लिए और वक्त मांगा है. हालांकि इस मीटिंग में बिहार के सीएम नीतीश कुमार शिरकत करेंगे.

दरअसल एनडीए में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड का कहना है कि वह एक देश, एक चुनाव के पक्ष में है, लेकिन ऐसा करना आसान नहीं होगा. बता दें कि जुलाई 2018 में जेडीयू की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें पीएम मोदी के बार बार उठाए जा रहे वन नेशन वन इलेक्शन मुद्दे का समर्थन किया गया था.

इसके तहत देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाए जाने का प्रस्ताव है. यानि पूरे देश में 5 साल में एक बार ही चुनाव होगा. मोदी सरकार का इस संबंध में तर्क है इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि देश को बार-बार पड़ने वाले आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिलेगी. हालांकि पूरी बहस लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए हो रही है.

वर्ष 2003 में भी तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. उस समय भी केन्द्र में भाजपा की ही सरकार थी. हालांकि तब भी विपक्ष के अधिकतर दलों ने इस मसले पर विरोध का रुख अपना रखा था.

जेडीयू एक राष्ट्र एक चुनाव की पक्षधर है और इसको लेकर संविधान संशोधन की बात करती रही है, वहीं आरजेडी, एसपी और बीएसपी जैसी पार्टियां इस मुद्दे पर मुखर विरोध कर सकती हैं. माना जा रहा है कि यदि देश में एकसाथ चुनाव होते हैं सबसे बड़ा नुकसान क्षेत्रीय पार्टियों को होगा. दरअसल संसाधनों के मुद्दे पर पिछड़ने के साथ क्षेत्रीय मुद्दों के गौण हो जाने का खतरा है.