शिवपुरी में :मां, बेटे और दामाद की करंट से माैत

शिवपुरी में :मां, बेटे और दामाद की करंट से माैत

शिवपुरी

कमरे में जिस हालत में तीनों की लाश मिली, उसमें मनोज अपनी पत्नी नीतू का हाथ थामे हुआ था जबकि आगे की तरफ बगल में मां कमला बाई की लाश पड़ी थी। करंट लगने से मनोज के पैर में घाव हो जाने से खून निकल आया था।

पुरानी शिवपुरी के बड़ा लुहारपुरा में सिर्फ 64 फीट के संकरे कमरे में मां-बेटी और दामाद की लाश पड़ी मिली है। तीनों की मौत करंट लगने से होना बताया जा रहा है। लेकिन घटना स्थल पर हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। मां के पेट, बेटी की पीठ और दामाद के पैर में करंट से जलने के निशान हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि किसी ने जानबूझकर तीनों को करंट लगाया हो, क्योंकि कमरे में फर्श पर टूटा हुआ तार मिला है, जिसके एक सिरे में प्लग है और दूसरे सिरा खुला हुआ है।

जानकारी के मुताबिक कमला बाई (57) पत्नी काशीराम, नीतू (32) पत्नी मनोज ओझा निवासी बड़ा लुहारपुरा पुरानी शिवपुरी और मनोज (35) पुत्र रामप्रसाद ओझा निवासी नरसिंहगढ़ हाल बड़ा लुहारपुरा पुरानी शिवपुरी की संदिग्ध परिस्थितियों में करंट लगने से मौत हो गई है। मकान के सकरे कमरे में तीनों की लाश पड़ी मिली है। कमला बाई के पीठ, बेटी नीतू की कमर में रीड की हड्‌डी और दामाद मनोज की दायें पैर में करंट लगने से मौत हुई है। पुलिस मौके पर पहुंची तो लगा कि पहले किसी एक को करंट लगा होगा और एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में तीनों की जान गई लेकिन एफएसएल प्रभारी को बुलवाकर तहकीकात कराई तो हालात कुछ और ही बयां करते नजर आए। मामला दुर्घटना और हत्या के बीच झूलता दिख रहा है।

बिजली कंपनी से रिटायर्ड लाइनमैन काशीराम ओझा ने बताया कि गुरुवार की रात 11 बजे पत्नी कमला बाई दूध देकर गईं थीं। इसके बाद दामाद खाना लेकर आने की कहकर नीचे गया और फिर नहीं लौटा। रात 12 बजे काशीराम ने दामाद को फोन लगाया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। इंदौर में छोटी बेटी को फोन लगाया तो उसने भी जीजा मनोज काे फोन लगाने का प्रयास किया। बेटी ने कहा कि हो सकता है कि मां की तबियत खराब हो गई और वो अस्पताल चले गए हों।

काशीराम सो गए और शुक्रवार की सुबह 7 बजे जागे, फिर भी कोई दिखाई नहीं दिया। पड़ाेस से भतीजा आया और अंदर कमरे में देखा तो तीनों की लाश पड़ी थी। काशीराम की दो बेटियां हैं। बड़ा दामाद नरसिंहगढ़ से ससुराल शिवपुरी आकर संग रहने लगा था। यहीं पानी के प्लांट पर काम करता था। घटना की रात काशीराम मकान की दूसरी मंजिल के कमरे में थे।