समाजसेवी गोविंद काकानी की सतत सेवा को मिला दाहोद मेडिकल कॉलेज द्वारा सम्मान
नवरात्रि की शुरुआत में पांचवें लावारिस का किया अंतिम संस्कार
कोरोना काल से ही लगा था देहदान पर प्रतिबंध
हुई फिर चर्चा तो खुल गए द्वार बंद
amit nigam
रतलाम। यह बात सच है कि नेक काम में कभी भी देरी नहीं होती है। चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई करने वालों के लिए देह जरूरी होती है लेकिन कोरोना काल मैं कोरोनावायरस से ग्रसित बीमारी के कारण देहदान नहीं हो पानी से कमी महसूस हो रही थी। इस बारे में मेडिकल कॉलेज जिला पुलिस प्रशासन से चर्चा हुई तो देह दान की मंजूरी भी मिल गई अब लावारिस व्यक्तियों के देहदान के लिए भी प्रयत्न चल रहे हैं। इतना ही नहीं मानवता की सेवा में सतत संलग्न समाजसेवी गोविंद काकानी का दाहोद मेडिकल कॉलेज द्वारा रतलाम मेडिकल कॉलेज में आयोजित मिर्गी रोग कार्यशाला में सम्मान भी हुआ। खास बात तो यह है कि सालों से लावारिस व्यक्तियों का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी का निर्वाह करने वाले काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के आह्वान पर समाज के दानियों द्वारा प्रदत राशि से अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। नवरात्रि के पहले दिन सप्ताह के पांचवें व्यक्ति का अंतिम संस्कार श्रीमती मनीषा ठक्कर सदस्य संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति द्वारा प्रदत राशि से किया गया।
चिकित्सा क्षेत्र में खुल रहे नए-नए मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल करने के लिए देह की आवश्यकता होती है। कोरोना काल में देहदान का कार्य परिस्थितियों को देखते हुए रोक दिया गया था। अब उसके पुनः शुरू किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
मिलेगी देह तो बढ़ेगा उनका अनुभव
मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि रतलाम मेडिकल कॉलेज का भी चौथा वर्ष है। विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए जितनी ज्यादा देह दान में मिलेगी उतना अधिक वे अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
देह दान के लिए
प्रक्रिया होगी शुरू
जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी से संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य काकानी की मौखिक चर्चा हुई। पुलिस अधीक्षक तिवारी ने बताया कि शीघ्र नियम का अवलोकन कर पूर्व की भांति अध्ययन के लिए देहदान मेडिकल कॉलेज को देने की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। जब चर्चा हुई तो प्रतिबंध के द्वार खुल गए। इतना ही नहीं आगे रहकर दे दान करने वाले मिल गए।
... और चारों ने सौंपे देहदान के पत्र
प्रकाश चंद्र पिता हेमराज सोनी ने अपनी पोस्ट ऑफिस के सामने पाइप की दुकान पर देहदान कार्य में लगे समाजसेवी काकानी को बुलाकर देहदान की जानकारी एवं उसके लिए देहदान अनुशंसा पत्र मांगे।
देहदान अनुशंसा पत्र भरने पर कस्तूरबा नगर निवास स्थान पर लेने पहुंचे समाजसेवी काकानी आश्चर्यचकित हो गए जब प्रकाश चंद सोनी के साथ माता भगवती देवी सोनी, पत्नी पारस मणि सोनी, बेटी तारामणि पति पूर्णा नंद सोनी चारों ने देहदान अनुशंसा पत्र सौपे।
बेटे को बताई मन की बात
माता भगवती देवी सोनी ने बताया कि पूर्व में उनके परिवार द्वारा जयपुर में देहदान किया गया है। बहुत दिनों से पुत्र प्रकाश चंद्र सोनी को अपने मन की बात बता दी थी। आज वह सपना साकार होते देख मन प्रसन्न है। उन्होंने समाज के लोगों से भी देहदान के इस पुनीत कार्य में सहयोग करने का आह्वान किया है। संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य काकानी ने परिवार के सभी सदस्यों का समिति की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
काकानी का कार्यशाला में किया सम्मान
विगत दिवस मेडिकल कॉलेज रतलाम एवं झाइडस मेडिकल कॉलेज दाहोद के संयुक्त तत्वावधान में मिर्गी रोग के लिए आयोजित कार्यशाला में दाहोद मेडिकल कॉलेज डीन डॉक्टर चंद्रभानु त्रिपाठी ने ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य काकानी का सम्मान करते हुए उनके द्वारा प्रशासन के सहयोग से किए जा रहे देहदान को सराहनीय बताते हुए देहदान के लिए निवेदन किया था।
लावारिस का किया अंतिम संस्कार
लावारिस के अंतिम संस्कार क्रम सतत चल रहा है। विगत सप्ताह में पांच लावारिस लोगों की मृत्यु हो जाने पर अंतिम संस्कार विधि विधान से किया गया। सोमवार को भी भिक्षावृत्ति करने वाले 65 वर्षीय अज्ञात पुरुष का अंतिम संस्कार (दो बत्ती थाना अंतर्गत का) विधि विधान से भक्तन की बावड़ी पर संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य मनीषा टक्कर द्वारा दी गई राशि से किया गया।
श्रद्धांजलि अर्पित
समन्वय परिवार, प्रभु प्रेमी संघ, पुलिस प्रशासन, जिला रोगी कल्याण समिति, संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य श्रीमती ठक्कर की ओर से काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन सदस्य काकानी ने अंतिम संस्कार कर श्रद्धांजलि अर्पित की।