मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल खतरे की घंटी, बना सकता है थायराइड का मरीज

मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल खतरे की घंटी, बना सकता है थायराइड का मरीज

भोपाल, आजकल लोगों की मोबाइल पर निर्भरता बढती जा रही है। जो कई रोगों का कारण बन रही है। युवाओं के साथ—साथ बच्चों में मोबाइल के प्रति बढता लगाव कहीं आपको बीमार न बना दे।इससे बचने के लिए आपको सावधान रहना होगा और समझना होगा कि इससे कौन सी परेशानियां हो सकतीं हैं। 


बच्चों का मानसिक विकास रोक रहा मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल 

हाल के शोध में ये बात निकलकर आई है कि 5 साल तक के बच्चे रोज़ 5 से 6 घंटे सेलफोन पर रील्स-वीडियोज़ देख रहे हैं। मोबाइल का यही बेज़ा इस्तेमाल बच्चों का मानसिक विकास रोक रहा है। फोन की आदत से बच्चों की सोशल लाइफ भी घटी है। दोस्तों के साथ खेलना तो छोड़िए बच्चे माता पिता तक से कम बात करते हैं। ये दूरभाष यंत्र(मोबाइल) इन सारे साइड इफेक्ट्स के अलावा लोगों को थायराइड का मरीज़ बना रहा है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन हेल्थ साइंस में छपी स्टडी के मुताबिक मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन से ना सिर्फ थायराइड का लेवल बढ़ता है, बल्कि थायराइड ग्लैंड के अंदर मौजूद कोलाइड का साइज़ भी बढ़ जाता है। यही कोलाइड शरीर में थायरोक्सिन रिलीज़ करता है और इस हार्मोन का उत्पादन डिस्टर्ब होने से शरीर का पूरा कंट्रोल बिगड़ जाता है।

इसलिए अगर बच्चों का अचानक पढ़ाई में मन ना लगे, हाइट रुक जाए, फिज़िकल ग्रोथ ना हो तो इसे नॉमर्ल ना समझे। हो सकता है उन पर थायराइड का अटैक हो गया है। इसलिए पालक की ज़िम्मेदारी है कि बच्चों पर नज़र बनाएं रखें। सिर्फ बच्चों की ही नहीं खुद की सेहत पर भी नज़र रखें क्योंकि बड़े भी हर वक्त मोबाइल से चिपके रहते हैं, इसलिए थायराइड का खतरा उन पर भी है। एक बार ये बीमारी हुई तो चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, डिप्रेशन, घबराहट, थकान, चेहरे पर पिंपल्स होने की संभावना बढ जाती है।  

क्या हैं थायराइड के लक्षण

नींद की कमी, बालों का झड़ना, थकान, घबराहट, चिड़चिड़ापन, हाथों में कंपन, मसल्स पेन आदि थयराइड के लक्षण हैं। 

कैसे होगा थायराइड पर नियंत्रण 

मेहनत करें, सुबह सेव के सिरके का सेवन पीएं, रात में हल्दी वाला दूध लें, प्रतिदिन कुछ देर धूप में बैठें, खाने में नारियल तेल इस्तेमाल करें, 24 घंटे में 7 घंटे की नींद जरूर लें, 

थायराइड पर नियंत्रण के लिए योग

सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, हलासन, उष्ट्रासन, मत्स्यासन, भुजंगासन।

थायराइड के मरीज क्या खाएं

अलसी, नारियल, मुलेठी, मशरूम, हल्दी दूध, दालचीनी।

थायराइड के रोगियों के लिए परहेज

सफेद चावल, केक-कुकीज़, ऑयली फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स।

थायराइड से होने वाली बीमारियां

प्रेगनेंसी में समस्या, आर्थराइटिस, डायबिटीज़, दिल की बीमारी, कैंसर, ओबेसिटी, अस्थमा।

थायराइड में कारगर-आयुर्वेदिक उपचार

तुलसी-एलोवेरा जूस, रोजाना त्रिफला 1 चम्मच, मुलेठी का सेवन फायदेमंद, रात में अश्वगंधा और गर्म दूध।   

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