पाकिस्तानियों को वीजा देने से इनकार कर सकता है अमेरिका

पाकिस्तानियों को वीजा देने से इनकार कर सकता है अमेरिका

वॉशिंगटन
पाकिस्तान ने अमेरिका से निर्वासित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा सकता है और इसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती है।


विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में अभी के लिए ‘कोई बदलाव नहीं’ है, लेकिन संघीय रजिस्टर अधिसूचना में उल्लेखित प्रतिबंध के परिणामस्वरूप अमेरिका पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रोक सकता है, जिसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती है।

पाबंदी वाले देशों की सूची में पाकिस्तान
पाकिस्तान उन 10 देशों की सूची में नया देश है, जिस पर अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लागू किए गए हैं। प्रतिबंध के अनुसार जो देश निर्वासित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे, उन देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा। हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता से जब संघीय रजिस्टर की अधिसूचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, ‘पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘यह अमेरिका और पाकिस्तानी सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है और हम इस समय बारीकियों में नहीं जा रहे।’

ये देश भी सूची में शामिल
जिन देशों को इस सूची में शामिल किया गया है उनमें घाना, गुयाना (2001), गांबिया (2016), कंबोडिया, इरीट्रिया, गिनी, सियेरा लियोन (2017), बर्मा तथा लाओस (2018) शामिल हैं।

क्या है कानून
इमिग्रेशन ऐंड नेशनलिटी ऐक्ट की धारा 243 (डी) के तहत होमलैंड सिक्यॉरिटी सेक्रेटरी की तरफ से नोटिस मिलने पर विदेश मंत्रालय उस देश को इमिग्रेशन या नॉन-इमिग्रेशन वीजा जारी करना बंद कर सकता है, जो देश निर्वासित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे।

पाकिस्तान के लिए पैदा होंगी मुश्किलें
अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी। हक्कानी ने कहा, ‘इस कदम से पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी, जो अमेरिका की यात्रा करना चाहते हैं। इससे बचा जा सकता था, अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी अनिवार्यताओं के संबंध में अमेरिका के अनुरोधों को नजरअंदाज नहीं किया होता।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नई बात नहीं है।

ट्रंप कठोरता से कर रहे इस कानून का इस्तेमाल
पिछले कुछ वर्षों के दौरान नियमित समयांतराल पर ऐसे निर्वासित लोगों को स्वीकार करता रहा है। सत्ता में आने के बाद ही ट्रंप ने कहा था कि वह इस तरह के कानून को कठोरता से लागू करेंगे। साल 2017 से पहले धारा 243 (डी) का का इस्तेमाल महज दो बार हुआ था, जबकि ट्रंप सरकार पाकिस्तान सहित कई देशों के खिलाफ प्रभावी तरीके से इस कानून का इस्तेमाल कर रहे हैं।

वीजा रद्द करने के मामले कम
विदेश मंत्रालय ने हालांकि कहा है कि इस धारा के तहत वीजा रद्द करने के मामले बहुत कम हैं। साल 1996 में नॉन-इमिग्रेंट वीजा को भी कवर करने के लिए कानून में किए गए संशोधन के बाद से लेकर अब तक वीजा के 318 आवेदन प्रभावित हुए हैं।