दिल्ली में कांग्रेस का नया गणित क्या होगा?

दिल्ली में कांग्रेस का नया गणित क्या होगा?

 
नई दिल्ली 

बेशक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन अब एक नई चर्चा शुरू हो गई है, कि क्या अगले साल होने वाले आम चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर दिल्ली में कांग्रेस और ‘आप’ के बीच कोई समझौता होगा या नहीं? इसकी वजह यह है कि अजय माकन ने इस गठबंधन का कड़ा विरोध किया था और अब उनका इस्तीफा मंजूर हो गया है। 

दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर शुरु हुई थी चर्चाएं
याद रहे कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर गत वर्ष जब तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हुई थीं तो उसी दौरान माकन ने प्रदेश पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों तथा डेलीगेट्स के साथ अलग-अलग बैठक कर एक सर्वे कराया था। सर्वे में पार्टी के कार्यकर्ता ‘आप’ के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि जिस आम आदमी पार्टी ने विधानसभा से कांग्रेस का सफाया कर दिया, उसके साथ आज किस बात का समझौता किया जाए? उनका यह भी कहना था कि ऐसा होने की सूरत में कांग्रेस को फिर से दिल्ली में जबरदस्त झटका लग सकता है। लेकिन चर्चा है कि माकन के बाद अब शीला दीक्षित को प्रदेश कांग्रेस की कमान दे दी जाती है, तो उस सूरत में कांग्रेस का आप के साथ गठबंधन होने की संभावना बढ़ जाएगी। पिछले दिनों ही उन्होंने साफ कहा था कि इसका फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा लिया जाएगा। 
नई कमेटी के जल्द गठित होने के आसार 
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के इस्तीफा देने के बाद अब जल्द ही नई कमेटी के जल्द गठित होने के आसार हैं जिसमें सामाजिक, राजनीतिक एवं क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखे जाने की संभावना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुछ अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के साथ तीन या चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति हो सकती है। चर्चा यह भी है कि क्या लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो सकता है?
नई टीम व प्रदेश के मुखिया की हो सकती है अहम भूमिका
प्रदेश कांग्रेस की गठित होने वाली नई टीम व प्रदेश के मुखिया की भूमिका अहम हो सकती है। सवाल यह है कि यदि ऐसा कुछ हुआ तो दिल्ली में गठबंधन किन-किन सीटों को लेकर हो सकता है। इस बारे में अभी कुछ भी साफ नहीं है लेकिन ऐसा कुछ हुआ तो कांग्रेस का पलटा भारी रहेगा या आप का। क्या आप दिल्ली की 7 सीटों में से 5 सीट कांग्रेस को देने पर राजी होगी या कांग्रेस को 4 सीटें देगी ? इसका अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान द्वारा ही लिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो उनका कहना है कि आप इसलिए गठजोड़ चाहती है कि दिल्ली में गठजोड़ होने से आम चुनाव के दौरान अन्य राज्यों में भी आप को लाभ मिल सकता है।