किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार, राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद योजना का हो रहा प्रभावी क्रियान्वयन
लगभग 5 लाख किसानों से अब तक खरीदी 8 हजार 191 करोड़ रुपये की उपज
मूंग, मूंगफली और सोयाबीन की हुई रिकॉर्डखरीद
खरीफ-2025 के लिए अब तक 2.96 लाख किसानों ने कराया पंजीयन
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले, इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद योजना का राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन कर किसानों से बड़े स्तर पर कृषि जिंसों की खरीद की जा रही है। समर्थन मूल्य पर वृहद् स्तर पर हो रही खरीद से किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से मुक्ति मिल रही है और उन्हें सुनिश्चित आय मिल रही है।
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि राज्य सरकार के 2 वर्ष से भी कम अवधि के अब तक के कार्यकाल में पूर्ववर्ती सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल की तुलना में विभिन्न जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आनुपातिक दृष्टि से अधिक खरीद कर किसानों को प्रत्यक्ष रुप से लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के कार्यकाल में अब तक लगभग 5 लाख किसानों से 8 हजार 191 करोड़ रुपये की उपज खरीदी जा चुकी है। वहीं, खरीफ-2025 सीजन में भी एमएसपी पर कृषि जिंस बेचान के लिए बड़ी संख्या में किसान अपना पंजीयन करवा रहे हैं।
दक ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 5 वर्ष में 2 हजार 827 करोड़ रुपये राशि का 3.90 लाख मीट्रिक टन मूंग किसानों से खरीदा गया था, जिसकी तुलना में वर्तमान सरकार के 2 वर्ष से भी कम अवधि के कार्यकाल में 1 हजार 720 करोड़ रुपये का भुगतान कर किसानों से लगभग 2 लाख मीट्रिक टन मूंग खरीदा जा चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मूंगफली की रिकॉर्ड खरीद की गई है। पूर्ववर्ती सरकार के पूरे कार्यकाल में 1 लाख 74 हजार 656 किसानों से 2,058 करोड़ रुपये राशि की 4 लाख 79 हजार 515 मीट्रिक टन मूंगफली खरीदी गई थी जबकि वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में ही 1 लाख 42 हजार 58 किसानों से 3 हजार 269 करोड़ रुपये राशि की 4 लाख 84 हजार 687 मीट्रिक टन मूंगफली खरीदी जा चुकी है। यह पूर्ववर्ती सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल से भी अधिक है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य में सोयाबीन की भी रिकॉर्ड खरीद की गई है। पूर्ववर्ती सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल में महज 16 किसानों से 13 लाख रुपये की 37.20 मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की गई थी। इसकी तुलना में वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में 36 हजार 891 किसानों से 483 करोड़ रुपये की 98 हजार 761 मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की जा चुकी है। दक ने बताया कि खरीफ-2025 सीजन के अंतर्गत मूंग, मूंगफली, उड़द और सोयाबीन खरीद के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और शीघ्र ही किसानों से जिंसों की खरीद शुरू की जाएगी। खरीफ-2025 सीजन में भी एमएसपी पर बड़े स्तर पर खरीद किए जाने से खरीदी गई जिंसों की मात्रा एवं लाभान्वित किसानों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होगी।
दक ने बताया कि खरीफ-2025 सीजन में एमएसपी पर कृषि जिंस बेचान के लिए अब तक 2.96 लाख से अधिक किसान अपना पंजीयन करवा चुके हैं। इनमें से मूंग बेचान के लिए 93 हजार 728, मूंगफली के लिए 1 लाख 82 हजार, सोयाबीन के लिए 19 हजार 432 एवं उड़द बेचान के लिए 1,114 किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को उनसे खरीदी गई उपज का समयबद्ध रूप से उनके जनआधार कार्ड में अंकित बैंक खातों में सीधे ही ऑनलाइन भुगतान कर रिकॉर्ड स्थापित किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद योजना का वास्तविक किसानों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए फर्जीवाड़ों पर भी प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा रहा है। फर्जी गिरदावरी और गलत रजिस्ट्रेशन की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करने के जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं। फर्जी गिरदावरी के आधार पर यदि कोई रजिस्ट्रेशन हुआ है, तो उसे निरस्त किया जाएगा। साथ ही, गलत रूप से रजिस्ट्रेशन करने वाले ई-मित्र संचालकों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
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