जनगणना-2027 के पूर्व परीक्षण की तैयारी के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन
राष्ट्रहित के इस कार्य को समर्पित भाव से करें क्रियान्वित: प्रमुख शासन सचिव, सांख्यिकी
जयपुर। सांख्यिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने कहा कि देश में पहली बार डिजिटल जनगणना होने जा रही है। राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य डिजिटल जनगणना—2027 को प्रदेश में समर्पित भाव से क्रियान्वित किया जाए जिससे कि शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण नतीजे प्राप्त हो सकें। देथा मंगलवार को प्रस्तावित जनगणना-2027 के राज्य के तीन क्षेत्रों में प्रथम चरण के पूर्व परीक्षण की तैयारियों की शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में यह पूर्व परीक्षण तीन क्षेत्रों-जयपुर नगर निगम हैरिटेज के किशनपोल जोन, नगर परिषद बाड़मेर एवं तहसील बाड़मेर और डूंगरपुर के तहसील गलियाकोट में 10 नवंबर से 30 नवंबर तक किया जाएगा।
देथा ने कहा कि जनगणना के कार्य के बेहतर क्रियान्वयन के लिए योग्य कार्मिकों एवं अधिकारियों का चयन कर जनगणना प्रकोष्ठ का गठन किया जाए। उन्होंने बताया कि पूर्व परीक्षण की प्रक्रिया के अन्तर्गत आमजन के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर स्व-गणना का विकल्प आगामी 1 नवम्बर से 7 नवम्बर तक रहेगा। स्व -गणना के अंतर्गत आमजन 34 प्रकार के प्रश्नों के जवाब देकर अपना ब्यौरा दर्ज कर सकेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि स्व गणना के लिए आमजन को जागरूक किया जाए ताकि वे सही जानकारी प्रदान कर इस प्रक्रिया में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।
बैठक में जनगणना कार्य निदेशक बिष्णु चरण मल्लिक ने बताया कि जनगणना-2027 दो चरणों में आयोजित की जाएगी। इसके अन्तर्गत प्रथम चरण में अप्रैल, 2026 से सितम्बर, 2026 के मध्य मकानों के सूचीकरण तथा मकानों की गणना का कार्य किया जाएगा। वहीं द्वितीय चरण में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि देश के बर्फ से ढ़के क्षेत्रों में सितम्बर-अक्टूबर-2026 में तथा शेष सम्पूर्ण भारत में फरवरी-मार्च 2027 में जनसंख्या की गणना होगी।
डिजिटल तरीके से आयोजित होगी जनगणना
मल्लिक ने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान HLO मोबाइल ऐप, सेल्फ एम्यूनरेशन (स्व गणना) वेब पोर्टल, डिजिटल मैपिंग उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा जिससे डेटा का शुद्धता के साथ बेहतर एवं सुरक्षित संग्रहण हो सकें। उन्होंने सेन्सस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएमएस) पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी। जिसके माध्यम से प्रगणक एवं पर्यवेक्षक डेटा की सम्पूर्ण निगरानी कर सकें।
बैठक में वीसी के माध्यम से बाड़मेर एवं डूंगरपुर जिला कलेक्टर तथा जयपुर नगर निगम हेरिटेज के सम्बंधित अधिकारी शामिल रहे।
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