मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी मीट की सेक्टोरल राउंडटेबल में की शिरकत
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी मीट के दौरान माइंस और मिनरल्स, केमिकल्स, टेक्सटाइल एवं होजरी, आईटी और शेखावाटी हवेली पर केंद्रित सेक्टोरल राउंडटेबल की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने राजस्थान के तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य के बारे में उद्यमियों, निवेशकों और प्रवासी राजस्थानियों को विस्तृत रूप से जानकारी दी।
शर्मा ने माइंस एंड मिनरल्स सेक्टोरल राउंड टेबल में चर्चा करते हुए कहा कि ग्रेनाइट और संगमरमर के प्रचुर भंडार के साथ-साथ राजस्थान जस्ता, सीसा और चूना पत्थर का अग्रणी उत्पादक राज्य भी है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों और निवेशकों को खनिज प्रसंस्करण, डाउनस्ट्रीम उद्योगों और सस्टेनेबल माइनिंग में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। शर्मा ने राजस्थान खनिज नीति-2024, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति-2024 (रिप्स-2024) और राजनिवेश सिंगल-विंडो प्रणाली जैसी नीतियों की जानकारी भी दी जिनके माध्यम से इन सेक्टर्स में प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो पा रहा है।
आत्मनिर्भरता की यात्रा में रेअर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार महत्वपूर्ण पड़ाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालोतरा के सिवाना रिंग कॉम्प्लेक्स में महत्वपूर्ण रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के भंडार की खोज के साथ प्रदेश औद्योगिक विकास के एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। यह भारत का पहला हार्ड रॉक आरईई ब्लॉक बन गया है। उन्होंने कहा कि यह खोज आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यहां मिलने वाले 17 खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों और उच्च तकनीक निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस संसाधनों का दोहन करने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप एक एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने की योजना भी बना रही है।
प्रदेश में केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के बढ़ रहे अवसर
मुख्यमंत्री ने केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल उद्योगों की बढ़ती संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए राजस्थान का दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दिल्ली-एनसीआर से मजबूत कनेक्टिविटी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ऐसे नए अवसर पैदा करना है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही इसकी विरासत को संरक्षित करें और सतत विकास को बढ़ावा भी दें। उन्होंने कहा कि बालोतरा में शुरू होने जा रही पेट्रोलियम रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से राज्य एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। उन्होंने बताया कि एचपीसीएल, वेदांता, हिंदुस्तान जिंक, चंबल फर्टिलाइजर्स और दीपक नाइट्राइट जैसी अग्रणी कम्पनियां प्रदेश में काम कर रही हैं और इससे बड़े पैमाने पर रोजगार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिला है।
राजस्थान बन रहा देश का अग्रणी आईटी हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और नीतियों के साथ एक अग्रणी आईटी केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जयपुर और जोधपुर में भारत का सबसे बड़ा सरकारी डेटा सेंटर संचालित है, जो राजस्वान नेटवर्क और ई-मित्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से 600 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराता है। आईस्टार्ट के तहत 4,900 से अधिक स्टार्टअप और टेक्नो हब जैसी सुविधाओं के साथ प्रदेश का इनोवेटिव इकोसिस्टम लगातार विस्तार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी (आर-कैट), दिग्गज ग्लोबल टेक कम्पनियों के साथ साझेदारी कर राज्य सरकार युवाओं के स्किल डवलपमेंट पर कार्य कर रही है। वहीं, आईआईटी जोधपुर और आईआईएम उदयपुर जैसे प्रमुख संस्थान प्रतिभाओं को नए अवसर प्रदान भी कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जैसे विशेष आर्थिक क्षेत्र और राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025 जैसी निवेशक-अनुकूल नीतियों के कारण हमारा राज्य आईटी और आईटीईएस विकास के लिए एक प्रमुख गंतव्य स्थान के रूप में उभरा है।
हमारा राज्य तेजी से बढता टेक्सटाइल डेस्टीनेशन
मुख्यमंत्री ने टेक्सटाइल और होजरी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि राजस्थान देश का सबसे तेजी से उभरता टेक्सटाइल डेस्टीनेशन है। टेक्सटाइल सिटी के रूप में भीलवाडा ने राजस्थान को नई पहचान दी है। उन्होंने कहा कि नई टेक्स्टाइल एंड अपेरल पॉलिसी-2025 मानव निर्मित रेशों, तकनीकी वस्त्रों और सस्टेनेबल मैन्युफेक्चिरिंग को बढ़ावा देती है।
शेखावटी की हवेलियों में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं
शर्मा ने राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत के साथ ही शेखावाटी हवेलियां के संरक्षण के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये हवेलियां राजस्थान के गौरवशाली अतीत की प्रतीक हैं। ये कला, वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि इन हवेलियों के संरक्षण करने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है।
इस दौरान नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, अधिकारीगण, निवेशक, प्रवासी राजस्थानी और विभिन्न सेक्टर्स के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
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