मुख्यमंत्री का कोलकाता दौरा: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानी मीट में रखा राजस्थान के विकास का विजन
निवेश अनुकूल नीतियों से प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में हुआ बड़ा बदलाव
प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियां भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों को आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह के लिए किया आमंत्रित
प्रवासी राजस्थानियों से कर्मभूमि से जन्मभूमि अभियान में योगदान देने का किया आह्वान
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी अपनी मातृभूमि से दूर होने के बावजूद अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक मूल्यों को कायम रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दुनिया भर में रह रहे राजस्थानियों की कर्मभूमि और जन्मभूमि के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन कर रही है। यह दिवस प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और अपनी मातृभूमि के साथ उनके जुड़ाव को गहरा करने के लिए एक समर्पित मंच का काम करेगा। उन्होंने सभी प्रवासी राजस्थानियों को इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आमंत्रण दिया।
शर्मा मंगलवार को कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी मीट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास में प्रवासी राजस्थानियों का बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री ने पीढ़ी दर पीढ़ी राजस्थान की संस्कृति को संजोए रखने के लिए प्रवासी राजस्थानी समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियां राज्य के युवाओं और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान फाउंडेशन (आरएफ) के 26 चैप्टर देश के विभिन्न राज्यों और दुनिया के देशों में कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गतिशील, निवेशक-अनुकूल वातावरण निर्मित हुआ है और इससे उद्योग, व्यापार एवं बुनियादी ढाँचे के विकास में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और अन्य उभरते क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे राजस्थान के विकास में भागीदार बन सकें।
राजस्थान भारत का अग्रणी टेक्सटाइल सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश के अग्रणी टेक्सटाइल सेंटर के रूप में उभरा है, जहां 1,500 से अधिक फैक्ट्रियां संचालित हैं। राज्य पॉलिएस्टर विस्कोस यार्न, कपास और ऊन का सबसे बड़ा उत्पादक है और कपास उत्पादन में चौथे स्थान पर है। हमारी नई टेक्सटाइल एंड अपेरल पॉलिसी नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 85 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं और प्रदेश देश में जस्ता, सीसा, चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर का अग्रणी उत्पादक है। उन्होंने कहा संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजस्थान के पत्थर की विरासत अद्वितीय है। राज्य सरकार ने खनिज ब्लॉकों की नीलामी में तेजी लाने के लिए राजस्थान खनिज नीति 2024 और एम-सैंड नीति 2024 भी लागू की है।
राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में प्रथम स्थान पर
शर्मा ने कहा कि राजस्थान की एचपीसीएल रिफाइनरी शीघ्र शुरू होने जा रही है। इसके साथ ही, डाउनस्ट्रीम उद्योगों को बढावा देने के लिए राजस्थान पेट्रो जोन विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा राजस्थान तेजी से भारत का हाइड्रोकार्बन और पेट्रोकेमिकल केंद्र बन रहा है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों को राज्य में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान 34 हजार 555 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हाल ही में 17 गीगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित की गई है, जो यह दर्शाता है कि सतत विकास के मामले में राजस्थान अग्रणी स्थान रखता है।
पयर्टन राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार
शर्मा ने कहा कि पर्यटन राजस्थान की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। यहां वर्ष 2024 में लगभग 2.3 करोड़ पर्यटक आए थे और राज्य सरकार द्वारा पर्यटन एवं हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया गया है। सरकार द्वारा पर्यटन परियोजनाओं में भूमि आवंटन हेतु न्यूनतम निवेश आवश्यकता को 100 करोड़ रूपए से घटाकर 50 करोड़ रूपए कर दिया गया है। सरकार खाटू श्यामजी, नाथद्वारा, पुष्कर, सालासर बालाजी, रणकपुर और माउंट आबू जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाला धार्मिक-पर्यटन सर्किट भी विकसित कर रही है।
हमारी सरकार निवेश और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान राज्य सरकार ने 35 लाख करोड़ रूपए के निवेश समझौते किए, जिनमें से 7 लाख करोड़ रूपए की परियोजनाओं की नींव रखी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान निवेश और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और बहुत ही कम समय में 22 नई नीतियां लाागू की गई हैं। विकसित राजस्थान 2047 के विजन के अनुरूप एक समावेशी और प्रगतिशील औद्योगिक ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सेमीकंडक्टर नीति, अंतरिक्ष और एयरो डिफेंस नीति, ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर नीति, राजस्थान व्यापार संवर्धन नीति जैसी 12 अन्य नीतियां प्रक्रियाधीन है।
रीको प्रत्यक्ष भूमि आवंटन नीति से 1200 से अधिक निवेशक हुए लाभान्वित
शर्मा ने कहा कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स)- 2024 के तहत निवेशकों को ग्रीन डवलपमेंट, निर्यात संवर्धन और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्तीय प्रोत्साहनों के सबसे आकर्षक पैकेज दिए जा रहे हैं। यह नीति एयरोस्पेस और रक्षा, ड्रोन, सेमीकंडक्टर, कृषि-तकनीक और वेस्ट रिसाइकलिंग जैसे नए सेक्टर्स को भी कवर करती है। उन्होंने रीको प्रत्यक्ष भूमि आवंटन नीति की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत राइजिंग राजस्थान में एमओयू करने वाले निवेशकों को बिना नीलामी प्रक्रिया के आरक्षित दरों पर औद्योगिक भूखंड दिए जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में इस योजना के तहत 1,200 से अधिक निवेशक लाभान्वित हुए हैं।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हमारी सरकार टाउनशिप नीति जैसी पहलों के माध्यम से टिकाऊ एवं किफायती आवास उपलब्ध कराने और हरित विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इन प्रयासों से प्रवासी राजस्थानियों की और अधिक सक्रिय भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों द्वारा प्रदेश में निवेश और विकास में भागीदारी करने से विकसित राजस्थान के संकल्प को और मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी राजस्थानियों का सम्मान किया और राजस्थान फाउंडेशन की कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता, सीआईआई पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष शाश्वत गोयनका, राजस्थान फाउंडेशन कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष संतोष कुमार पुरोहित सहित विभिन्न जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित थे।
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