ज्ञानवापी केस: ऑर्डर अब 17 नवंबर को

ज्ञानवापी केस: ऑर्डर अब 17 नवंबर को

वाराणसी, वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुकदमे में ऑर्डर को अगली तारीख के लिए टाल दिया गया। फैसले के लिए अगली तारीख 17 नवंबर 2022 तय हुई। कोर्ट का कहना है कि ऑर्डर तैयार करने में समय लग रहा है। इससे पहले इस मुकदमे की सुनवाई 8 नवंबर को ही होनी थी। मगर, कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के छुट्टी पर होने की वजह से 14 नवंबर की अगली डेट फिक्स कर दी गई थी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल किया गया है। कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर उसकी लिखित प्रति दाखिल कर चुके हैं।

सभी मुकदमे की पैरवी के लिए केवल तीन ही अधिकृत अधिवक्ता 
जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि इस मुकदमे में यूपी सरकार, वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। विसेन ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर से संबंधित वे सभी मुकदमे जो वाराणसी जिला न्यायालय में हमारी देखरेख में चल रहे हैं, उनकी पैरवी के लिए केवल तीन ही अधिकृत अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं। उन तीनों अधिवक्ताओं के नाम मान बहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी और शिवम गौर हैं। इन तीनों अधिवक्ताओं के अतिरिक्त यदि कोई भी खुद को विश्व वैदिक सनातन संघ के द्वारा संचालित मुकदमों में स्वयं को अधिवक्ता बताता या दर्शाता या लिखता है तो वह पूर्ण रूप से फर्जी है।

केस की पोषणीयता पर सवाल
हिंदू पक्ष की किरण सिंह की तरफ से एक मुकदमा वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रेक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में इसी साल से चल रहा है। इस केस की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ आपत्ति दर्ज की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने आर्डर 7 रूल 11 पर सुनवाई शुरू की और दोनों ही पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया था।

मुस्लिम पक्ष को उम्मीद कोर्ट खारिज कर देगा केस
जिला जज की अदालत में पोषणीयता का मामला खारिज कर देने की तरह इसमें भी खारिज होने की आशंका के जवाब में उन्होंने बताया कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला नियमित सिर्फ पूजा को लेकर था, जबकि इस केस में ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर है। इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि यह मुकदमा कोर्ट खारिज कर देगा। वहीं हिंदू पक्ष से किरण सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने भी बताया कि केस खारिज हो जाने की स्थिति में उनकी ओर से ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

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