1-1 लाख के दो इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, मदद को मिलेंगे 10000 रुपए

1-1 लाख के दो इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, मदद को मिलेंगे 10000 रुपए

रायपुर
छत्तीसगढ़ में माओवादी और नक्सलवादी विचारधारा से प्रभावित होकर वर्षों तक हिंसक क्रांति के पैरोकार रहे कई नक्सलियों ने हाल के दिनों में मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है. इसी क्रम में रविवार को प्रदेश के नारायणपुर जिले में भी दो इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इन दोनों नक्सलियों पर पुलिस-प्रशासन की ओर से 1-1 लाख रुपए के इनाम रखे गए थे. समर्पण करने के बाद अब सरकार इन दोनों नक्सलियों को 10-10000 रुपए की आर्थिक सहायता देगी. साथ ही उन्हें पुनर्वास के लिए प्रशासन की ओर से भी मदद दी जाएगी.

प्रदेश के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में दो इनामी नक्सलियों के आत्मसमर्पण की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को दी. नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने रविवार को बताया कि अखिलेश हुर्रा उर्फ बलदेव (23) और जयराम मरकाम (28) शनिवार को पुलिस के सामने आत्समर्पण करने पहुंचे. गर्ग के अनुसार ऐसा करने के पीछे दोनों ने माओवादियों की ‘खोखली’ विचारधारा से मोहभंग होने और बढ़ते नक्सल-विरोधी अभियान का हवाला दिया.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन के किसकोडो एलओएस (स्थानीय संगठन दस्ते) का सदस्य हुर्रा नारायणपुर और निकटवर्ती कांकेर जिले में सुरक्षा बलों पर 2013 से 2018 के बीच तीन नक्सली हमलों में संलिप्त रहा है जबकि मरकाम जन मिलिशिया के स्वयंभू कामंडर के तौर पर काम कर रहा था.


अधिकारी के अनुसार प्रशासन ने दोनों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. गर्ग के अनुसार दोनों नक्सलियों को 10,000-10,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई तथा और आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास के तहत उन्हें आगे भी सहायता दी जाएगी.

आपको बता दें कि बीते दिनों नक्सली संगठन की एक महिला सदस्य ने भी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. खुद मुख्यधारा में लौटने के बाद इस महिला नक्सली ने अपने भाई और माओवादी संगठन के सदस्य से भी सरेंडर की अपील की थी. महिला नक्सली ने कहा था कि वह भी सरेंडर कर दे, ताकि रक्षाबंधन में वह भाई को राखी बांध सके. बहन के इस अनुरोध पर नक्सली भाई ने राखी के त्योहार से पहले सरेंडर कर दिया था.