शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को दी राहत, जेईई मेंस के लिए 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता से छूट 

शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को दी राहत, जेईई मेंस के लिए 75 फीसदी अंकों की अनिवार्यता से छूट 

नई दिल्ली
शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए 12वीं में 75 फीसदी अंकों की पात्रता मानदंड को समाप्त किया है। कोरोना वायरस महामारी के चलते छात्रों को हुई परेशानियों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेईई मेंस में शामिल होने के लिए 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, आईआईटी जेईई (एडवांस्ड) और पिछले अकादमिक वर्ष को लेकर लिए गए फैसले को ध्यान में रखते हुए अगले अकादमिक सत्र 2021-2022 के लिए जेईई मेन के लिए 12वीं में 75 फीसदी मार्क्स संबंधी पात्रता नियम को हटाने का फैसला लिया गया है। 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया है कि इस साल जेईई मेन और नीट परीक्षा का सिलेबस पिछले साल जैसा ही रहेगा। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। निशंक ने कहा है कि विभिन्न शिक्षा बोर्डों से सलाह मशविरा करके एनटीए ने निर्णय लिया है कि छात्रों को 90 प्रश्नों में से सिर्फ 75 प्रश्नों को हल करना होगा। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथेमेटिक्स में प्रत्येक से 25 प्रश्न के जवाब देने का विकल्प दिया जाएगा। 15 वैकल्पिक प्रश्न होंगे और वैकल्पिक प्रश्नों में नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। पिछले वर्ष भी कोरोना के चलते इस नियम से विद्यार्थियों को छूट दी गई थी।

 2020 से पहले तक जेईई एडवांस्ड मेरिट नियम के तहत आईआईटी में दाखिले के लिए 12वीं में न्यूनतम 75 फीसदी अंक या क्वॉलिफाई करने वाली परीक्षा की रैंकिंग में टॉप 20 पर्सेंटाइल होना जरूरी होता था। बता दें कि एनआईटी, आईआईटी और सीएफटीआई जैसे संस्थानों में जेईई परीक्षा से प्रवेश मिलता है। इस साल जेईई मेन की परीक्षा साल में चार बार आयोजित की जाएगी।